क्या है लेवल मर्जर का प्रस्ताव?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल काउंसिल – जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने केंद्र सरकार को एक अहम प्रस्ताव सौंपा है। इस प्रस्ताव के तहत पे-लेवल 1 से 6 तक को घटाकर सिर्फ 3 लेवल में तब्दील करने की सिफारिश की गई है। इसका उद्देश्य सैलरी ढांचे को सरल बनाना और निचले वेतनमान पर काम कर रहे कर्मचारियों की आय में सीधा इजाफा करना है।
प्रस्तावित मर्जिंग इस प्रकार होगी:
लेवल-1 + लेवल-2 = नया लेवल A
लेवल-3 + लेवल-4 = नया लेवल B
लेवल-5 + लेवल-6 = नया लेवल C
कर्मचारियों को कैसे होगा लाभ?
अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो इसका सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो निचले पे लेवल (Level 1 to 6) पर कार्यरत हैं। उदाहरण के लिए: वर्तमान में लेवल-1 कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 और लेवल-2 की ₹19,900 है।
यदि दोनों लेवल मर्ज कर दिए जाते हैं, तो नए लेवल-A का प्रारंभिक वेतन ₹19,900 या इससे अधिक हो सकता है। यानी, ₹1,900 से ₹2,000 तक की सीधी बढ़ोतरी केवल मर्जिंग के कारण संभव है। इसी तरह लेवल-B और C के लिए भी बेसिक पे में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
प्रमोशन के मौके होंगे आसान
पे लेवल का यह सरलीकरण सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे प्रमोशन की प्रक्रिया भी आसान होगी। जब लेवल कम होंगे तो पदोनत्ति में लगने वाला समय घटेगा, जिससे कर्मचारियों को जल्दी ऊपरी पदों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। साथ ही, वेतन संरचना भी ज्यादा पारदर्शी और तार्किक हो जाएगी।
सरकार ने दी 8वें वेतन आयोग को मंजूरी
इस वर्ष की शुरुआत में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित होता है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन, भत्ते और पेंशन संरचना में संशोधन की सिफारिश करता है।
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