जमीन, समुद्र और आसमान से वार: ब्रह्मोस मिसाइल के 8 घातक अवतार

नई दिल्ली। ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के बीच एक साझा परियोजना है, जिसे ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है। यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसकी गति मैक 2.8 से मैक 3 तक होती है, यानी यह ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना तेज है। इसकी रेंज 290 से 450 किलोमीटर के बीच है, और इसके वर्जन के आधार पर इसे जमीन, समुद्र या हवा से दागा जा सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल के मुख्य वर्जन

ब्रह्मोस मिसाइल के कई वर्जन हैं, जिन्हें अलग-अलग सैन्य आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया गया है। इनमें से प्रमुख वर्जन निम्नलिखित हैं:

1. जमीनी वर्जन (Land-Based Variant)

इस वर्जन को मोबाइल ऑटोमोबाइल लॉन्चर के ज़रिए जमीन से लॉन्च किया जाता है। यह वर्जन सेना के लिए तैयार किया गया है और दुश्मन की भूमि पर सटीक वार करने में सक्षम है। यह परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है।

नौसैनिक वर्जन (Naval Variants): ब्रह्मोस के चार नौसैनिक वर्जन हैं, जो समुद्री युद्ध में भारतीय नौसेना को रणनीतिक बढ़त देते हैं:

2. युद्धपोत से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट

यह संस्करण समुद्र में दुश्मन के युद्धपोतों को निशाना बनाने में सक्षम है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोतों में तैनात किया गया है।

3. युद्धपोत से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट

बता दें की ब्रह्मोस के इस वर्जन का उपयोग समुद्र से दुश्मन की भूमि पर स्थित ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया जाता है।

4. पनडुब्बी से दागा जाने वाला एंटी-शिप वैरिएंट

इस संस्करण को पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है और यह पानी के नीचे से दुश्मन के जलपोतों को लक्ष्य बनाता है।

5. पनडुब्बी से दागा जाने वाला लैंड-अटैक वैरिएंट

यह वर्जन पानी के भीतर से दुश्मन के जमीनी ठिकानों पर सटीक हमले करने में सक्षम है, जिससे भारत की अंडरवाटर स्ट्राइक कैपेबिलिटी और मजबूत होती है।

6. वायुसैनिक वर्जन (Air-Launched Variant)

ब्रह्मोस के इस वर्जन को सुखोई-30 MKI जैसे फाइटर जेट्स से लॉन्च किया जा सकता है। यह वर्जन दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम से बचते हुए तेज़ गति से लक्ष्य पर हमला कर सकता है। यह भारतीय वायुसेना को रणनीतिक बढ़त देता है।

भविष्य के वर्जन

7. ब्रह्मोस-II (Hypersonic Variant)

ब्रह्मोस-II एक हाइपरसोनिक वर्जन है, जिसकी गति मैक 6 से अधिक हो सकती है। इसका विकास कार्य प्रगति पर है। यह संस्करण दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को भेदने में कहीं अधिक प्रभावी होगा।

8. ब्रह्मोस-NG (Next Generation)

ब्रह्मोस-NG यानी नेक्स्ट जनरेशन वर्जन, आकार में छोटा लेकिन मारक क्षमता में उतना ही घातक होगा। इसे छोटे फाइटर जेट्स, जैसे तेजस, और अन्य प्लेटफॉर्म से लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। इसकी तैनाती से भारत की फायरपावर और लचीलापन दोनों बढ़ेंगे।

0 comments:

Post a Comment