राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य आपदा मोचक निधि (एसडीआरएफ) की राज्य कार्यकारिणी समिति ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी होने की संभावना है।
चार लाख रुपये का मुआवजा
सरकार के इस नए कदम के तहत यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु सियार, लोमड़ी या मधुमक्खियों के हमले में होती है, तो मृतक के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। इसके लिए जरूरी होगा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट रूप से इसी आपदा से जुड़ा हुआ बताया गया हो।
मुआवजे की प्रक्रिया
मृतक के परिजनों को मुआवजे के लिए 1070 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय या संबंधित एडीएम को भी घटना की सूचना देना अनिवार्य होगा। तहसील स्तर से रिपोर्ट तैयार होने के बाद 24 से 72 घंटे के भीतर मुआवजे की राशि जारी कर दी जाएगी।
अब तक किन घटनाओं को माना जाता था राज्य आपदा?
उत्तर प्रदेश में अभी तक जिन घटनाओं को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया था, उनमें शामिल हैं: बिजली गिरना, बेमौसम बारिश, आंधी-तूफान, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई और गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव-वन्यजीव द्वंद्व, जलस्रोतों में डूबना (कुंआ, नदी, झील, तालाब आदि), सांड़ और नीलगाय के हमले।
अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले भी इस सूची में शामिल हो जाएंगे, जिससे ग्रामीण और वन क्षेत्र के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। यदि किसी परिवार में इस तरह की घटना होती हैं तो वो तहसील स्तर पर रिपोर्ट कर मुआवजा ले सकते हैं।
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