बिहार में राजस्व कर्मियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

पटना। बिहार सरकार ने राज्यभर के हड़ताली राजस्व कर्मियों को लेकर एक निर्णायक रुख अपनाया है। लंबे समय से चल रही राजस्व कर्मियों की हड़ताल के कारण जमीन सर्वेक्षण और भूमि रिकॉर्ड अद्यतन जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे थे। इस बीच, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक आखिरी चेतावनी जारी करते हुए सभी हड़ताली कर्मियों को 30 मई 2025 (शुक्रवार) शाम 5 बजे तक कार्य पर लौटने का अंतिम अवसर दिया है।

विभाग ने जिलाधिकारियों को भेजा निर्देश

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने इस संबंध में राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि: जो भी राजस्व कर्मचारी तय समय तक कार्य पर लौटते हैं, उन्हें हड़ताल अवधि के लिए उपार्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा और उनकी सेवा को नियमित माना जाएगा, यानी भविष्य में किसी प्रकार की नकारात्मक प्रविष्टि नहीं की जाएगी।

अवज्ञा पर सख्त कार्रवाई तय

वहीं, ऐसे कर्मचारी जो तय समय सीमा (30 मई शाम 5 बजे) के बाद भी कार्य पर नहीं लौटते, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें शामिल हैं: “नो वर्क, नो पे” नीति के तहत वेतन नहीं दिया जाएगा। उनकी सेवा की नियमितता पर सरकार भविष्य में अलग से निर्णय लेगी।

अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।

विभाग से जारी लैपटॉप या अन्य सरकारी संसाधन समय पर वापस न करने पर PDR अधिनियम (लोक मांग वसूली अधिनियम) के तहत कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि विभाग ने पहले 21 मई 2025 को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सभी हड़ताली कर्मियों को चेताया था कि वे विज्ञप्ति के प्रकाशन के तीन दिन के भीतर कार्य पर लौटें, लेकिन बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित ही बने रहे। हालांकि कई जिलों से यह सूचना भी मिली है कि कई कर्मचारी हड़ताल समाप्त कर योगदान दे चुके हैं।

जिलाधिकारियों से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी गई

सचिव जय सिंह ने सभी डीएम (DM) से आग्रह किया है कि जो राजस्व कर्मचारी जारी निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट जल्द से जल्द विभाग को भेजी जाए ताकि आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

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