दो साल में लगेंगे 1750 करोड़ रुपये
राज्य सरकार ने इन सात शहरों के लिए कुल 1750 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान तैयार किया है। प्रत्येक शहर में न्यूनतम 250 करोड़ रुपये की परियोजनाएं कराई जाएंगी। इसके लिए नगर निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वार्डवार योजनाएं तैयार कर प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराएं। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में संबंधित नगर निगमों और मंडलायुक्तों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
लापरवाही पर लगाम कसने की तैयारी
सरकार ने यह भी साफ किया है कि पहले पांच सालों में संबंधित नगर निगमों को समय और संसाधन दिए गए थे, लेकिन लापरवाही के चलते कई शहरों ने अब तक प्रस्ताव ही नहीं भेजे। अब दो साल का अतिरिक्त समय दिया जा रहा है, जिसमें सभी कामों को पूर्ण कराना अनिवार्य होगा।
क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
इन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत जो सुविधाएं प्रस्तावित हैं, उनमें शामिल हैं: स्मार्ट पार्किंग सिस्टम, स्मार्ट रोड निर्माण, ITMS (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम), स्मार्ट क्लासेस, जोनल ऑफिस, सोलर स्ट्रीट लाइट्स, हेल्थ एटीएम, सीनियर केयर सेंटर, पार्क और ओपन जिम।
जनसहभागिता को मिलेगा महत्व
राज्य सरकार की मंशा है कि योजनाओं में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसीलिए प्रस्ताव तैयार करते समय स्थानीय निवासियों से सुझाव भी लिए जा सकते हैं। इससे योजनाएं ज़मीन से जुड़ी और व्यवहारिक होंगी।
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