पे-मैट्रिक्स का जादुई फॉर्मूला
7वें वेतन आयोग की नींव जिस फॉर्मूले पर रखी गई थी, वह था डॉ. वॉलेस एक्रोयड (Dr. Wallace Aykroyd) का पोषण-आधारित न्यूनतम वेतन निर्धारण फार्मूला। इसी फार्मूले के जरिए तय किया जाता है कि किसी औसत भारतीय कर्मचारी को जीविकोपार्जन के लिए न्यूनतम कितना वेतन चाहिए। यही आधार पे-मैट्रिक्स के 18 स्तरों की संरचना का बना और अब 8वें वेतन आयोग में भी इसी ढांचे को नए डेटा और अपडेटेड फिटमेंट फैक्टर के साथ लागू किया जा सकता हैं।
क्या है फिटमेंट फैक्टर और कैसे तय होगी सैलरी?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिससे मौजूदा बेसिक पे को गुणा कर नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। इस बार चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 तक हो सकता है। उदाहरण के तौर पर: मौजूदा न्यूनतम बेसिक वेतन = ₹18,000 हैं तो नया वेतन (1.92 से गुणा) = ₹18,000 × 1.92 = ₹34,560 होगा, सीधी बढ़ोतरी = ₹16,560, हालांकि, यह सिर्फ बेसिक पे है। इसमें महंगाई भत्ता (DA), HRA, TA और अन्य भत्ते शामिल नहीं हैं, जो कुल वेतन को और बढ़ाएंगे।
पे-लेवल्स का मर्जर संभव, प्रमोशन की राह आसान!
सूत्रों के अनुसार, इस बार पे-मैट्रिक्स में लेवल मर्जिंग (Merger) का बड़ा बदलाव हो सकता है। अभी कुल 18 पे लेवल्स हैं, लेकिन उनमें से शुरुआती 6 को मर्ज कर 3 लेवल बनाए जा सकते हैं। जैसे: लेवल 1+2 = नया लेवल A, लेवल 3+4 = नया लेवल B, लेवल 5+6 = नया लेवल C, इससे निचले स्तर के कर्मचारियों को बड़ा लाभ हो सकता है और प्रमोशन की प्रक्रिया सरल हो सकती है।
नए वेतन आयोग में HRA और TA में भी संशोधन तय!
सैलरी में बढ़ोतरी का सीधा असर मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) पर पड़ेगा। नए बेसिक के आधार पर HRA की नई गणना की जाएगी। साथ ही, शहरों की श्रेणियों (X, Y, Z) और महंगाई स्तर को ध्यान में रखते हुए TA के स्लैब भी बदले जा सकते हैं।
नए वेतन आयोग में बीमा कवर में भी बढ़ोतरी की उम्मीद!
नए वेतन आयोग में सरकारी सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर मिलने वाले बीमा कवर को लेकर भी विचार हो रहा है। मौजूदा बीमा राशि को बढ़ाकर कर्मचारियों के परिवार को बेहतर वित्तीय सुरक्षा देने की योजना पर काम किया जा रहा है।
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