उम्र के साथ घटती है पुरुषों की फर्टिलिटी
तकनीकी रूप से देखा जाए तो पुरुष अपने जीवन के अंतिम वर्षों तक भी पिता बन सकते हैं, क्योंकि उनके शरीर में शुक्राणु (Sperm) उत्पादन जीवनभर चलता रहता है। हालांकि, 40 की उम्र के बाद शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा में गिरावट आना शुरू हो जाती है।
शोध बताते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ शुक्राणुओं की गतिशीलता (mobility) कम होती है, डीएनए में क्षति की संभावना बढ़ती है और टेस्टोस्टेरोन स्तर भी घटता है। जिससे गर्भधारण में अधिक समय लग सकता है। साथ ही शिशु में जेनेटिक विकार या ऑटिज़्म जैसी स्थितियों का भी जोखिम हो सकता है
एंड्रोपॉज: पुरुषों का मेनोपॉज
पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ होने वाले हार्मोनल बदलाव को "एंड्रोपॉज" कहा जाता है। यह महिलाओं के मेनोपॉज जितना अचानक नहीं होता, बल्कि धीरे-धीरे शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होती है। इसके लक्षणों में थकान, चिड़चिड़ापन, यौन ड्राइव में कमी और मूड स्विंग शामिल हो सकते हैं।
विज्ञान क्या कहता है?
20–30 की उम्र: सर्वोत्तम फर्टिलिटी
40 के बाद: फर्टिलिटी में गिरावट की शुरुआत
50–60+: गर्भधारण संभव, लेकिन जोखिम बढ़ते हैं
हाल ही में की गई एक स्टडी में यह पाया गया कि 45 वर्ष से ऊपर के पुरुषों के बच्चों में ऑटिज़्म, सिज़ोफ्रेनिया और बायपोलर डिसऑर्डर जैसी स्थितियों का थोड़ा अधिक खतरा हो सकता है। इसलिए पिता बनने की योजना 40 की उम्र से पहले करना बेहतर होता है।
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