1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
अमेरिका लेजर हथियारों की तकनीक में सबसे अग्रणी देश माना जाता है। अमेरिकी नौसेना ने पहले ही अपने युद्धपोतों पर LaWS (Laser Weapon System) जैसी प्रणाली को तैनात कर दिया है, जो ड्रोन और छोटी नौकाओं को मार गिराने में सक्षम है। अमेरिकी सेना और वायुसेना भी HEL (High Energy Laser) तकनीकों पर काम कर रही हैं, जिनका प्रयोग मिसाइल डिफेंस और टैंक रोधी हमलों में किया जा सकता है।
2. चीन
चीन तेजी से उभरती हुई लेजर टेक्नोलॉजी पावर बन गया है। उसने 'Silent Hunter' और 'LW-30' जैसे लेजर हथियारों का प्रदर्शन किया है, जो कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखते हैं। चीन का लक्ष्य है कि वह अपनी सेना को लेजर हथियारों से लैस कर आधुनिक युद्ध क्षमता में अमेरिका की बराबरी कर सके।
3. रूस
रूस भी इस होड़ में पीछे नहीं है। उसने Peresvet नामक एक लेजर सिस्टम विकसित किया है, जिसे वह अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली का हिस्सा बना रहा है। रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यह सिस्टम उपग्रहों और उच्च ऊंचाई वाले लक्ष्यों को भी अंधा करने में सक्षम है। हालांकि इसकी क्षमताओं के बारे में बाहरी दुनिया को अभी तक बहुत कम जानकारी है।
4. इज़राइल
इज़राइल अपने Iron Dome रक्षा सिस्टम के लिए जाना जाता है, लेकिन अब उसने Iron Beam नामक लेजर आधारित वर्जन विकसित किया है। Iron Beam सस्ते और तेज़ लेजर शॉट्स के माध्यम से आने वाले रॉकेट, मोर्टार और ड्रोन को नष्ट कर सकता है। इसकी खासियत यह है कि यह पारंपरिक मिसाइलों के मुकाबले काफी कम लागत में काम करता है।
5. भारत
भारत भी अब लेजर हथियारों की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने हाल ही में हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम्स का परीक्षण किया है। इनमें से कुछ का उद्देश्य ड्रोन को नष्ट करना है, जबकि भविष्य में मिसाइल रक्षा में इनका प्रयोग किया जा सकता है। भारत ने ‘DEW’ (Directed Energy Weapons) परियोजना पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
0 comments:
Post a Comment