बिहार में फर्जी शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई: जांच तेज!

बांका, बिहार: बिहार के शिक्षा महकमे में एक बार फिर से फर्जीवाड़े की परतें खुल रही हैं। बांका जिले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) ने अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। ताजा जांच में 10 से ज्यादा शिक्षक संदेह के घेरे में हैं, जिनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।

संदिग्ध प्रमाण पत्रों की जांच शुरू

प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कई शिक्षकों के इंटरमीडिएट सर्टिफिकेट और मार्कशीट में गड़बड़ी पाई गई है। किसी के नंबर बढ़ाए गए हैं, तो किसी के दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी पाए गए हैं। अब इन सभी सर्टिफिकेट की दोबारा जांच की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की गलती से बचा जा सके। निगरानी ब्यूरो ने शिक्षा विभाग से मैट्रिक, इंटर, ग्रेजुएशन और ट्रेनिंग से जुड़े प्रमाण पत्रों की मूल फाइलें मांगी थीं, जिनकी फोटोकॉपी अब ब्यूरो को सौंप दी गई है।

केस दर्ज करने की तैयारी

सूत्रों की मानें तो तीन से चार शिक्षकों के दस्तावेज पूरी तरह नकली पाए गए हैं। उनके खिलाफ कभी भी केस दर्ज किया जा सकता है, हालांकि फिलहाल उनके नाम गोपनीय रखे गए हैं ताकि वे जांच से पहले फरार न हो सकें। डीपीओ स्थापना, संजय कुमार यादव ने बताया कि निगरानी ब्यूरो की टीमें लगातार सक्रिय हैं और हर संदेहास्पद शिक्षक की गहन जांच कर रही हैं।

अब तक 170 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई

2014 से अब तक बांका जिले में 170 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं। पिछले वर्ष कटोरिया में पकड़े गए पांच फर्जी शिक्षकों में एक महिला भी शामिल थी। शंभुगंज, धोरैया, चांदन, बेलहर और बांका थानाक्षेत्र में भी ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से कई शिक्षक अब भी फरार हैं, और विभाग ने सभी को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

सक्षमता परीक्षा में पकड़े गए

इस वर्ष की शुरुआत में सक्षमता परीक्षा के दौरान भी करीब 18 फर्जी शिक्षक पकड़े गए। निगरानी की कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अफसरों का कहना है कि आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं और इनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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