बिहार में फर्जी अटेंडेंस लगाने वाले शिक्षकों पर एक्शन

सहरसा, बिहार। बिहार के सहरसा जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। बनमा इटहरी और महिषी प्रखंड के कुल 10 शिक्षकों पर ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का गंभीर आरोप सामने आया है। इन शिक्षकों ने हर दिन एक ही फोटो का इस्तेमाल कर पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि वे स्कूल में हाज़िर नहीं थे।

इस मामले की पुष्टि जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) अनिल कुमार ने की है। DEO ने इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। तय समय में जवाब नहीं देने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय, बिहार को मिली शिकायत के आधार पर मई 2025 माह के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल की गहन जांच कराई गई। इस डिजिटल जांच में यह बात सामने आई कि कुछ शिक्षक रोजाना एक ही फोटो को अपलोड कर रहे थे — यानी वे स्कूल आए बिना ही उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। यह कृत्य डिजिटल उपस्थिति प्रणाली की भावना और सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। DEO ने इसे "गंभीर अनियमितता और अनुशासनहीनता" की श्रेणी में रखा है।

इन शिक्षकों को थमाया गया है नोटिस:

बनमा इटहरी प्रखंड:

मध्य विद्यालय सरबेला: श्याम कुमार, दिव्या भारती, मनोज कुमार चौधरी, शदन रहमान

उत्क्रमित मध्य विद्यालय अफजलपुर: क्रांति किरण, उम्में रूमन

उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेलियाहाट: प्रेमलता कुमारी

उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनमा: कुमारी गुड्डी

नव प्राथमिक विद्यालय इटहरी: अनिल कुमार

महिषी प्रखंड:

उर्दू प्राथमिक विद्यालय आरा घाट: फरहाना नाज

DEO का सख्त रुख

जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार ने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि अगर शिक्षक तय समय सीमा में जवाब नहीं देते हैं, तो विभाग इसे मौन स्वीकृति मानेगा और बिना किसी अतिरिक्त सूचना के एकतरफा कार्रवाई करेगा। इसमें निलंबन, वेतन रोक, या अन्य अनुशासनात्मक दंड शामिल हो सकते हैं।

डिजिटल निगरानी के बावजूद लापरवाही

ई-शिक्षा कोष पोर्टल का उद्देश्य था उपस्थिति में पारदर्शिता लाना, लेकिन यह मामला दर्शाता है कि कुछ शिक्षक अब भी प्रणाली को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना के बाद पूरे जिले में डिजिटल अटेंडेंस की समीक्षा की जा रही है।

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