गौरतलब है कि पिछले वर्ष जून 2023 में ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य राशन कार्ड प्रणाली में पारदर्शिता लाना और फर्जीवाड़ा रोकना था। शुरुआती महीनों में प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ी और लगभग 70 प्रतिशत राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी पूरी कर ली गई। लेकिन इसके बाद कार्य की गति धीमी पड़ गई।
प्रमुख कारण था प्रवासी मजदूरों की गैर-मौजूदगी।
उत्तर प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग दिल्ली, हरियाणा, सूरत जैसे औद्योगिक शहरों में काम करने चले जाते हैं। चूंकि पहले नियम था कि ई-केवाईसी केवल यूपी के भीतर ही कराई जा सकती है, ऐसे में ये मजदूर अपने गांव लौटने पर ही केवाईसी करा पा रहे थे। इससे सरकार की यह प्रक्रिया लगभग ठप हो गई थी।
अब शासन ने नियमों में लचीलापन देते हुए यह सुविधा शुरू कर दी है कि देश के किसी भी जन सेवा केंद्र (CSC) से यूपी के राशन कार्ड की ई-केवाईसी कराई जा सकती है। इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो लंबे समय से घर नहीं आ पाए हैं लेकिन राशन कार्ड की वैधता बनाए रखने के लिए ई-केवाईसी आवश्यक है।
ई-केवाईसी के लिए जून तक मिलेगा अंतिम मौका
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ई-केवाईसी की अंतिम तिथि जून 2025 तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले जो लोग किन्हीं कारणों से अपनी केवाईसी नहीं करा पाए थे, वे अब आसानी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान की जरूरत
हालांकि सरकार की इस पहल को सराहा जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण इलाकों में अभी भी बड़ी संख्या में लोग इस नए बदलाव से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थी इसका फायदा उठा सकें।
कैसे करें ई-केवाईसी?
अपने नजदीकी किसी भी जन सेवा केंद्र (CSC) पर जाएं।
अपने राशन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर साथ रखें।
बायोमेट्रिक के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको मोबाइल पर पुष्टि संदेश प्राप्त होगा।
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