इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को एक विस्तृत निर्देश पत्र भेजा है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह समर कैंप CAMaL (Combined Activities for Maximized Learning) मॉडल के तहत आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी, न कि स्कूल के नियमित शिक्षकों की। इससे यह सुनिश्चित हो गया है कि शिक्षकों की गर्मी की छुट्टियां पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी।
क्या है इस कैंप का उद्देश्य?
शिक्षा विभाग का मानना है कि राज्य के कई छात्र विशेषकर प्राथमिक वर्गों में अभी भी सरल गणनाओं में पिछड़ जाते हैं। गर्मी की छुट्टियों को उपयोगी बनाकर बच्चों के लिए यह विशेष गणितीय समर कैंप आयोजित किया जा रहा है, ताकि वे मस्ती के साथ सीख सकें। बच्चों को खेल, एक्टिविटी, समूह कार्य और सहज शिक्षण तकनीकों के ज़रिए गणना की मूल बातें सिखाई जाएंगी।
प्रथम संस्था का मिलेगा सहयोग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार को गैर-सरकारी संस्था प्रथम का सहयोग मिलेगा। यह संस्था लंबे समय से शिक्षा के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है। संस्था के स्वयंसेवक गांवों और टोलों में पहुंचकर कैंप चलाएंगे, जिससे हर ज़रूरतमंद बच्चा इस पहल से लाभान्वित हो सकेगा।
शिक्षकों की चिंता हुई दूर
शुरुआत में जैसे ही समर कैंप की घोषणा हुई, शिक्षकों के बीच यह आशंका फैल गई थी कि उनकी गर्मी की छुट्टियां रद्द की जा सकती हैं। हालांकि, विभाग ने अपने पत्र में साफ तौर पर उल्लेख किया है कि यह पूरी तरह से स्वयंसेवकों द्वारा संचालित होगा, और शिक्षकों की भागीदारी अनिवार्य नहीं है।
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