भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत: दुनिया ने मानी लोहा

नई दिल्ली। पाकिस्तान की ओर से सीमा पर बढ़ती ड्रोन घुसपैठ और हवाई हमलों के बीच भारत ने अपनी हाईटेक एयर डिफेंस प्रणाली को सक्रिय कर दुनिया को अपनी सैन्य शक्ति का अहसास करा दिया है। बीते कुछ दिनों में भारतीय वायु क्षेत्र में घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम कर देश ने यह साबित कर दिया कि अब उसकी हवाई सीमाएं अभेद्य हैं। एयर डिफेंस सिस्टम की इस मजबूती के पीछे हैं अत्याधुनिक हथियार, रडार नेटवर्क और मिसाइल तकनीकें, जो हर खतरे को हवा में ही खत्म कर देने की क्षमता रखती हैं।

S-400: भारत का ‘सुदर्शन चक्र’

रूसी तकनीक से लैस S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम को भारतीय सेना ने ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया है। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है और यह एक साथ 36 लक्ष्यों को ट्रैक व नष्ट कर सकता है। F-16, JF-17 जैसे फाइटर जेट हों या बाबर क्रूज मिसाइल—S-400 उन्हें हवा में ही ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। इसकी मौजूदगी ने भारत के हवाई क्षेत्र को लगभग अभेद्य बना दिया है।

SPYDER: सीमावर्ती इलाकों की फुर्तीली रक्षा

कम ऊंचाई पर उड़ने वाले लक्ष्यों के लिए SPYDER सिस्टम किसी दुर्ग से कम नहीं। Python और Derby मिसाइलों से लैस यह प्रणाली 15 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के ड्रोन, फाइटर जेट्स और क्रूज मिसाइलों को ट्रैक कर सेकंडों में जवाब देती है। इसकी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता इसे सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहद उपयोगी बनाती है, जहां वक्त की सटीकता निर्णायक होती है।

Barak-8 और आकाश: बहुस्तरीय सुरक्षा तंत्र की रीढ़

Barak-8 मिसाइल प्रणाली, जिसकी रेंज 70 से 100 किमी है, भारत की वायु रक्षा की मझोली रेंज सुरक्षा जरूरतों को पूरा करती है। यह जमीन और समुद्र दोनों प्लेटफार्मों से काम कर सकती है। वहीं, भारत में विकसित आकाश मिसाइल सिस्टम 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तक एक साथ 12 लक्ष्यों को ट्रैक कर नष्ट कर सकती है। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में भी इसकी सफलता इसे एक बहुआयामी हथियार बनाती है।

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