महिलाओं में इस उम्र के बाद रुकते हैं मासिक धर्म, डॉक्टर की राय!

हेल्थ डेस्क: महिलाओं के जीवन में एक ऐसा समय आता है जब हर महीने होने वाला मासिक धर्म यानी पीरियड्स अचानक अनियमित हो जाता है और फिर धीरे-धीरे रुक जाता है। इसे ही ‘मेनोपॉज’ कहा जाता है। लेकिन अक्सर महिलाओं को यह नहीं पता होता कि यह कब होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और किस उम्र में यह सामान्य माना जाता है।

आपको बता दें की इस विषय पर विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि मेनोपॉज कोई बीमारी नहीं, बल्कि महिलाओं के शरीर में होने वाला एक स्वाभाविक जैविक परिवर्तन है, जिससे हर महिला को जीवन के किसी न किसी पड़ाव पर गुजरना होता है। इसलिए इसकी जानकारी होनी चाहिए।

किस उम्र में रुकते हैं पीरियड्स?

डॉक्टरों के अनुसार, महिलाओं में मासिक धर्म आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच बंद हो जाता है। हालांकि यह उम्र हर महिला के शरीर और उसके हार्मोनल संतुलन पर निर्भर करती है। भारत में औसतन महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र 47-50 वर्ष मानी जाती है।

मेनोपॉज से पहले दिखते हैं ये लक्षण

पीरियड्स बंद होने से पहले महिलाओं के शरीर में कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। इस दौर में हार्मोनल बदलावों के कारण शरीर और मूड दोनों पर असर पड़ता है। इसके आम लक्षण हैं: पीरियड्स का अनियमित होना, गर्मी महसूस होना (Hot Flashes), रात में पसीना आना, चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग, नींद की समस्या, यौन इच्छा में कमी, वजन बढ़ना या मेटाबॉलिज्म धीमा होना।

महिलाओं में क्यों होता है मेनोपॉज?

मेनोपॉज की स्थिति तब आती है जब अंडाशय (Ovaries) एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे महिला हार्मोन का उत्पादन बंद कर देते हैं। इसके कारण अंडाणु बनना बंद हो जाते हैं और मासिक धर्म रुक जाता है। कुछ महिलाओं में यह समय से पहले (40 से पहले) भी आ सकता है, जिसे अर्ली मेनोपॉज कहा जाता है। 

मेनोपॉज के बाद क्या करें? डॉक्टर की सलाह

मेनोपॉज के बाद शरीर की ज़रूरतें बदल जाती हैं। ऐसे में डॉक्टर इन चीजों की सलाह देते हैं: कैल्शियम और विटामिन D युक्त डाइट लें, ताकि हड्डियाँ मजबूत रहें। नियमित व्यायाम या योग करें। हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) पर डॉक्टर से चर्चा करें। नींद और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं – खासकर बोन डेंसिटी और ब्लड प्रेशर।

0 comments:

Post a Comment