समायोजन की प्रक्रिया का विस्तार
राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को समायोजन की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए तैयारी करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले, 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के रूप में काम कर रहे 1.70 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन को असंवैधानिक करार दिया था, जिसके बाद राज्य में इन शिक्षामित्रों के पुनः समायोजन को लेकर कई जटिलताएँ उत्पन्न हो गई थीं।
19 जून 2018 के बाद समायोजन की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन करीब 24,500 शिक्षामित्रों को अब तक उनके मूल विद्यालयों में समायोजित नहीं किया जा सका था। अब सरकार ने इन शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में समायोजित करने का फैसला लिया है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत है।
महिला शिक्षामित्रों के लिए भी राहत
राज्य सरकार का यह निर्णय विशेष रूप से महिला शिक्षामित्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसी महिला शिक्षामित्रों की संख्या 16,500 है, जो शादी के बाद अपनी ससुराल से मायके पढ़ाने आती हैं और लंबे समय से जिले में ब्लॉक से ब्लॉक या दूसरे जिले में ट्रांसफर की प्रक्रिया का इंतजार कर रही थीं। अब इन महिला शिक्षामित्रों को भी गर्मियों की छुट्टियों के बाद 20 मई से ट्रांसफर मिल सकेगा, जिससे उनकी परेशानियों का समाधान होगा और उन्हें स्थिरता मिलेगी।
सरकार की पहल का असर
शिक्षामित्रों के समायोजन की यह प्रक्रिया कई वर्षों से लंबित थी और अब इस पर अंतिम निर्णय लिया गया है। इससे शिक्षामित्रों के कार्यस्थल में स्थिरता आएगी और उनकी मनोबल भी बढ़ेगा। साथ ही, शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि शिक्षामित्रों की कार्यशक्ति अब उनके मूल विद्यालयों में पूरी तरह से लागू हो सकेगी।
समायोजन प्रक्रिया की तैयारी
सभी जिलों के बीएसए को इस समायोजन प्रक्रिया के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान शिक्षामित्रों के आवेदन, आवश्यक दस्तावेजों की जांच, और अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, ताकि यह प्रक्रिया निर्बाध और पारदर्शी तरीके से पूरी हो सके।
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