बिहार भूमि सर्वेक्षण 2025: हर सप्ताह होगा ये काम

पटना। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण के काम को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अब भूमि सर्वेक्षण की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करने का निर्णय लिया है। विभागीय सचिव जय सिंह ने सभी जिला बंदोबस्त अधिकारियों को हर 7 दिन में मुख्यालय को भूमि सर्वेक्षण की प्रगति की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।

हर 7 दिन पर होगी समीक्षा

भूमि सर्वेक्षण की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए सचिव जय सिंह ने जिलेवार साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया है। इससे पहले के चरण में किए गए कार्यों का निरीक्षण कर, दूसरे चरण के जिलों में सर्वेक्षण की गति बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। यह कदम सरकार की डिजिटल इंडिया की पहल के अनुरूप है, जिससे भूमि संबंधित कार्य अधिक पारदर्शी और तेज हों।

डिजिटल सर्वर से होगी तेजी

भूमि सर्वेक्षण को पूरी तरह डिजिटल बनाने के लिए राज्य के सभी प्रमंडलों में 28 फरवरी से स्वतंत्र सर्वर की स्थापना की गई है। इस सर्वर की मदद से वंशावली, स्वघोषणा पत्र और अन्य दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करना आसान हो गया है। इससे भूमि संबंधित सूचनाओं की उपलब्धता और सत्यापन में सुधार होगा।

प्रथम चरण में कार्य प्रगति

प्रथम चरण के जिलों में अब तक कुल चार लाख पांच हजार 752 भूमि सर्वेक्षण स्वघोषणाओं में से तीन लाख 77 हजार 199 का सफलतापूर्वक निष्पादन किया जा चुका है। सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि शेष एक करोड़ 94 लाख 43 हजार 072 स्वघोषणाओं को जल्द से जल्द डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाए।

दूसरी चरण में तेजी की जरूरत

दूसरे चरण के जिलों में भी सर्वेक्षण के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर किस्तवार, खानापुरी और त्रि-सीमाना क्षेत्रों में कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए प्रतिदिन दो जिलों में सर्वेक्षण कार्य की समीक्षा करने के लिए टीमों का गठन भी किया गया है।

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