भीषण गर्मी से मिली राहत
पिछले कुछ हफ्तों से बिहार के अधिकांश हिस्से लू और उमस भरी गर्मी की चपेट में थे। गर्मी ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया था। स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित करनी पड़ीं, लोग दिन के समय बाहर निकलने से बच रहे थे और अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामलों में इजाफा देखने को मिला था। लेकिन मानसून की आमद से अब तापमान में गिरावट आई है और मौसम में ठंडक घुलने लगी है।
किसानों की उम्मीदें हुईं हरी
मानसून की बारिश सिर्फ आम लोगों के लिए ही राहत नहीं लेकर आई है, बल्कि यह खबर बिहार के किसानों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। धान की खेती करने वाले किसान, जो अब तक बारिश के इंतज़ार में थे, अब खेतों में उतरने को तैयार हैं। बारिश की पहली बूंद के साथ ही खेतों में हरियाली की उम्मीद जाग उठी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अगले कुछ दिनों में नियमित बारिश होती रही, तो खरीफ की फसल को समय पर लगाया जा सकेगा।
मौसम विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने मानसून की एंट्री से पहले ही कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया था। सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज सहित कई जिलों में तेज़ बारिश, वज्रपात और मेघगर्जन की संभावना जताई गई थी। विभाग ने यह भी बताया था कि अगले 24 से 48 घंटे के भीतर मानसून बिहार में दस्तक देगा — और वह पूर्वानुमान सटीक साबित हुआ। मौसम विभाग की मानें तो राजधानी पटना समेत कई जिलों में बुधवार से बारिश शुरू हो सकती है।
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