मॉनसून की चाल और संभावित असर
मौसम विभाग ने इस बार बिहार में औसत से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। इससे न सिर्फ खेतों को पानी मिलेगा, बल्कि धान की रोपनी समेत अन्य खरीफ फसलों की बुआई के लिए भी हालात अनुकूल बनेंगे। पिछले कुछ सप्ताहों में बारिश की कमी से किसान निराश थे, लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि मॉनसून की सक्रियता कृषि कार्यों में गति लाएगी।
कहां-कहां होगी भारी बारिश?
राज्य के दक्षिण-पश्चिमी जिलों और पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका और किशनगंज में मेघगर्जन, वज्रपात और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। मंगलवार से ही मौसम में बदलाव के संकेत मिलने शुरू हो जाएंगे, जबकि बुधवार को व्यापक रूप से बारिश हो सकती है।
मॉनसून में देरी और कारण
गौरतलब है कि बिहार में मॉनसून के सामान्य तौर पर 13 जून तक प्रवेश कर जाने की संभावना होती है और 18 जून तक यह पटना, गया, सारण समेत अन्य जिलों में फैल जाता है। लेकिन इस बार पुरवा हवाएं प्रभावी नहीं हो पाने और पछुआ हवाओं के जोरदार बने रहने के कारण मॉनसून की चाल धीमी हो गई थी। अब जब वायुमंडलीय परिस्थितियां अनुकूल हुई हैं, तो अगले 48 घंटे में मॉनसून के विस्तार की पूरी संभावना बन चुकी है।
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