दुनिया में 6th जनरेशन जेट की रेस: इन देशों ने शुरू किया निर्माण

न्यूज डेस्क: दुनिया की कई सैन्य ताकतें अब आसमान पर वर्चस्व के लिए एक नई दौड़ में उतर चुकी हैं। यह दौड़ है छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की हैं। इसमें अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, जापान और अन्य देशों ने अपने-अपने हाई-टेक प्रोजेक्ट्स पर काम तेज़ कर दिया है। इन अत्याधुनिक विमानों को भविष्य के युद्धों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है।

अमेरिका: 6th जनरेशन में बढ़त

अमेरिका का NGAD (Next Generation Air Dominance) प्रोग्राम सबसे अधिक उन्नत माना जा रहा है। अमेरिकी वायुसेना ने 2023 में इस प्रोजेक्ट का पहला प्रोटोटाइप उड़ाया था। जानकारी के मुताबिक, यह जेट पारंपरिक लड़ाकू विमानों से कहीं ज्यादा स्टील्थ, AI-समर्थित और ड्रोन सहयोगी क्षमताओं से लैस होगा। हाल ही में अमेरिका द्वारा F-47 लड़ाकू विमान की घोषणा की गई हैं, जो 6वें पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है।

चीन: 6th जेनरेशन फाइटर पर काम 

चीन, जो पहले ही J-20 जैसे फिफ्थ जेनरेशन फाइटर को तैनात कर चुका है, अब चुपचाप 6th जेनरेशन फाइटर पर काम कर रहा है। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नया प्रोटोटाइप 2035 तक तैयार किया जा सकता है। चीन की रणनीति पूरी तरह गोपनीय है, लेकिन माना जा रहा है कि वह AI, हाई-स्पीड और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताओं को प्राथमिकता दे रहा है।

GCAP: ब्रिटेन, जापान और इटली का साझा प्रयास

ब्रिटेन, जापान और इटली ने मिलकर GCAP (Global Combat Air Programme) की शुरुआत की है। इसका फोकस "टेम्पेस्ट" नामक फाइटर जेट पर है, जो 6th जनरेशन के सभी आधुनिक मानकों पर खरा उतरने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 2035 तक यह विमान उड़ान भरने के लिए तैयार हो सकता है।

यूरोप का FCAS: फ्रांस, जर्मनी और स्पेन की महत्वाकांक्षा

फ्रांस, जर्मनी और स्पेन मिलकर FCAS (Future Combat Air System) पर काम कर रहे हैं, जिसमें एक फाइटर जेट के साथ-साथ ड्रोन और डिजिटल वॉर नेटवर्क भी शामिल होगा। FCAS को 2040 तक सेवा में लाने की योजना है, लेकिन इसका परीक्षण दशक के अंत तक शुरू हो सकता है।

रूस की योजनाएं 6th जनरेशन जेट का, लेकिन धीमी प्रक्रिया

रूस भी अपने स्तर पर 6th जनरेशन फाइटर प्रोग्राम पर काम कर रहा है। हालांकि आर्थिक दबाव और यूक्रेन युद्ध के कारण इस प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी बताई जा रही है। Sukhoi डिज़ाइन ब्यूरो इस काम में अग्रसर है, लेकिन आधिकारिक विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

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