EV क्रांति में सबसे आगे पटना, सबसे पीछे अररिया
EV खरीद के आंकड़ों में राजधानी पटना अव्वल है, जहां 33,658 गाड़ियां बिक चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर, अररिया जिले में EV की पैठ सबसे कम रही है, जहां अभी तक सिर्फ 228 गाड़ियां ही बिकी हैं। यह अंतर राज्य के अलग-अलग इलाकों में EV नीति के प्रभाव और लोगों की जागरूकता में फर्क को दिखाता है।
सरकार की योजना: सब्सिडी और बचत दोनों का फायदा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार सरकार ने EV अपनाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं। मुख्य आकर्षण है ₹1.5 लाख तक की सब्सिडी, जो खासतौर पर मध्यमवर्गीय और ग्रामीण ग्राहकों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इस नीति के तहत दोपहिया और चारपहिया दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहन कवर किए जा रहे हैं। साथ ही, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए भी राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है।
EV बिक्री में उछाल: पर्यावरण और जेब दोनों को राहत
आपको बता दें की बढ़ती सब्सिडी, कम खर्च और पर्यावरण अनुकूल तकनीक की वजह से बिहार में EV को लेकर लोगों में जागरूकता तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दो सालों में यह संख्या दोगुनी हो सकती है। इससे वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।
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