गांडीव मिसाइल: भारत की नई मारक शक्ति, चीन की नींद उड़ाई!

नई दिल्ली — भारत ने अपनी सबसे उन्नत हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र एमके-III का नाम अब आधिकारिक तौर पर बदलकर ‘गांडीव’ कर दिया है। इसका नाम महाभारत के पौराणिक धनुष अर्जुन के नाम पर रखा गया है, जो भारतीय वायुसेना की ताकत को नई पहचान देगा। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) इस मिसाइल को विकसित कर रहा है और इसे जल्द ही भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमानों में शामिल किया जाएगा।

बीवीआर  की क्षमता:

गांडीव दुश्मन के हवाई लक्ष्यों को 340 किलोमीटर तक की दूरी से मार सकती है (20 किमी ऊंचाई पर) और 190 किलोमीटर की दूरी से (8 किमी ऊंचाई पर)। इसे दोहरे ईंधन वाले डक्टेड रैमजेट इंजन से संचालित किया जाता है, जो इसे उच्च गति, बेहतर नियंत्रण और लंबी दूरी तक प्रभावी हमला करने की क्षमता प्रदान करता है।

प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त:

भारतीय वायु सेना वर्तमान में फ्रांसीसी MBDA मेटियोर मिसाइल का उपयोग करती है, जिसकी रेंज लगभग 200 किलोमीटर है। गांडीव इसे पीछे छोड़कर चीन की पीएल-15 (300 किमी) और अमेरिका की AIM-174 (240 किमी) मिसाइलों को भी पछाड़ने में सक्षम होगी।

विमानों पर तैनाती:

गांडीव को भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमान जैसे सुखोई Su-30MKI और तेजस पर तैनात किया जाएगा। यह मिसाइल लड़ाकू जेट, बमवर्षक, सैन्य परिवहन विमान, ईंधन भरने वाले विमान, और AWACS विमान जैसे उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों को प्रभावी रूप से भेद सकती है।

चीन के लिए बड़ी चिंता

विशेषज्ञों का मानना है कि गांडीव मिसाइल भारतीय वायुसेना की बीवीआर युद्ध क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी और क्षेत्रीय सामरिक संतुलन में भारत की ताकत को बढ़ाएगी। चीन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि अब भारत के पास अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक और लंबी दूरी की मिसाइल है।

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