ब्रह्मोस से दोगुना तेज
जहां मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल की गति मैक 2.8 से 3.0 है, वहीं ब्रह्मोस-2 की गति लगभग तीन गुना अधिक होगी। यह इसे पारंपरिक क्रूज मिसाइलों की तुलना में न केवल तेज बनाता है, बल्कि दुश्मन के किसी भी डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में भी सक्षम बनाता है।
रेंज में भी जबरदस्त इजाफा
ब्रह्मोस-2 की रेंज 1,000 से 1,500 किलोमीटर तक होगी, जिससे भारत की स्ट्राइक कैपेबिलिटी में भारी बढ़ोतरी होगी। चीन और पाकिस्तान की गहराई तक मार करने में यह मिसाइल गेमचेंजर साबित हो सकती है।
स्क्रैमजेट इंजन: हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी
इस मिसाइल में स्क्रैमजेट (Scramjet) इंजन का उपयोग किया जाएगा, जो हाइपरसोनिक स्पीड पर स्टेबल फ्लाइट को संभव बनाता है। स्क्रैमजेट की वजह से ब्रह्मोस-2 बेहद ऊँचाई पर और तेज गति से उड़ान भर सकती है।
मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता, रडार से बचकर वार
ब्रह्मोस-2 को जमीन, समुद्र और हवा — तीनों माध्यमों से लॉन्च किया जा सकेगा। इससे यह मिसाइल भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना — तीनों के लिए सामरिक रूप से बेहद उपयोगी होगी। ब्रह्मोस-2 को लो रडार क्रॉस-सेक्शन और हाई मैन्युवरबिलिटी के साथ डिज़ाइन किया जा रहा है। इसका मतलब है कि यह दुश्मन के रडार में न आने वाले 'स्टील्थ' हथियार की तरह काम कर सकेगी और टारगेट पर सटीक वार करेगी।
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