यूपी में शिक्षकों को बड़ी राहत: अब मनपसंद जिले में कर सकेंगे नौकरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के शिक्षकों के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। अब शिक्षक अपनी सेवा के लिए मनपसंद जिलों का चयन कर सकेंगे। राज्य सरकार ने शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया शुरू की है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और शिक्षक अपने पारिवारिक जीवन के साथ कार्य संतुलन भी बनाए रख सकें।

पारदर्शी प्रक्रिया, मानवीय दृष्टिकोण

इस नई तबादला नीति के तहत शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकेंगे और अपनी प्राथमिकता के अनुसार जिलों का चयन कर पाएंगे। तबादले की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रहेगी, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता की संभावना न के बराबर होगी। यह पहल खासकर उन शिक्षकों के लिए वरदान साबित होगी जो अपने परिवार से दूर सेवा दे रहे हैं।

स्थानांतरण में प्राथमिकता किन्हें मिलेगी?

सरकार ने कुछ विशेष परिस्थितियों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इनमें गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षक, पति-पत्नी यदि दोनों शिक्षक हैं और एक ही जिले में रहना चाहते हैं, दिव्यांग शिक्षक और विशिष्ट सेवा क्षेत्र में कार्यरत शिक्षक शामिल हैं। इसके अलावा ऐसे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि न्यूनतम दो वर्ष पूरी हो चुकी है, वे भी तबादले के लिए पात्र होंगे।

स्कूलों में संतुलन बना रहेगा

राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि तबादले के बाद स्कूलों में विषयवार शिक्षकों का संतुलन बना रहे। इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली का सहारा लिया जाएगा, जो हर स्कूल में शिक्षकों की संख्या और आवश्यकता का मूल्यांकन करेगा।

किन्हें आवेदन नहीं करना चाहिए?

हालांकि, यह प्रक्रिया सभी के लिए खुली नहीं है। जिन शिक्षकों की सेवा अवधि अभी एक वर्ष से कम है, जो किसी विभागीय जांच या अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं, या जो अभी तक कार्यमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें तबादला आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे शिक्षक जो अनियमित रूप से कार्यरत हैं, उन्हें भी इस प्रक्रिया से वंचित रखा गया है।

शिक्षक संगठनों ने किया स्वागत

शिक्षक संगठनों ने इस नीति का स्वागत किया है और इसे शिक्षक हित में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनका मानना है कि इससे न केवल कार्य में दक्षता बढ़ेगी, बल्कि शिक्षकों का मनोबल भी ऊँचा होगा।

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