बता दें की यातायात निदेशालय ने इस दिशा में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना को अंतिम रूप दिया है। इस कदम का उद्देश्य ई-चालान के भुगतान की दर को बढ़ाना और आम जनता के लिए चालान प्रक्रिया को सरल बनाना है।
कैसे काम करेगी QR कोड सुविधा?
अब चालान मिलने पर वाहन स्वामी को एक क्यूआर कोड मिलेगा, जिसे मोबाइल से स्कैन कर वे तुरंत UPI, इंटरनेट बैंकिंग, या मोबाइल वॉलेट के जरिए शमन शुल्क का भुगतान कर सकेंगे। यह प्रणाली समय बचाने के साथ-साथ कोर्ट के बोझ को भी कम करेगी, क्योंकि चालान तीन दिन के भीतर न भरने पर कोर्ट में भेज दिया जाता है।
मौके पर भुगतान की भी तैयारी
यातायात निदेशालय कार्ड स्वैप मशीनें भी उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है ताकि चालान की राशि मौके पर ही डेबिट/क्रेडिट कार्ड से वसूली जा सके। इसके लिए विभिन्न बैंकों के अधिकारियों से बातचीत चल रही है और जल्द ही इस दिशा में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
डिजिटल ट्रैफिक सिस्टम की ओर एक और कदम
यह पहल प्रदेश में डिजिटल ट्रैफिक प्रबंधन को और मजबूत करेगी। वर्तमान में चालान भुगतान की ऑनलाइन सुविधा तो मौजूद है, लेकिन कई बार लोगों को प्रक्रिया में तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। QR कोड और कार्ड स्वैप मशीनें इन बाधाओं को दूर करने में कारगर साबित होंगी। यातायात विभाग के अधिकारियों का कहना है कि QR कोड व्यवस्था लागू होने से ई-चालान भुगतान में पारदर्शिता और त्वरितता आएगी। इससे जनता का भरोसा बढ़ेगा और भुगतान में देरी की समस्या काफी हद तक समाप्त हो सकेगी।
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