भारत के स्टील्थ ड्रोन में लगेंगे स्वदेशी कावेरी इंजन!

नई दिल्ली – भारत का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) स्वदेशी तकनीक को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। ताजा जानकारी के मुताबिक, DRDO ने स्वदेशी कावेरी जेट इंजन का रूस में परीक्षण शुरू कर दिया है, और यह परीक्षण अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। यदि सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आने वाले समय में यही इंजन भारत के अत्याधुनिक स्टेल्थ ड्रोन प्रोजेक्ट्स में लगाया जाएगा।

46 kN तक का हो सकता है थ्रस्ट

हालांकि इंजन की वास्तविक क्षमता को लेकर अभी अंतिम पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो इसका थ्रस्ट लगभग 46 किलो न्यूटन (kN) तक हो सकता है। यह ‘ड्राई इंजन’ (बिना आफ्टरबर्नर) वर्जन है, जो खास तौर पर स्टेल्थ ऑपरेशन्स के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इसमें इंफ्रारेड सिग्नेचर काफी कम होता है और रडार पर ट्रेस करना मुश्किल होता है।

घातक और CATS Warrior ड्रोन

DRDO फिलहाल दो प्रमुख स्टेल्थ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। पहला है ‘घातक’ स्टेल्थ UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle), और दूसरा है HAL का ‘CATS Warrior’, जो लॉयल विंगमैन कॉन्सेप्ट पर आधारित है। दोनों प्रोजेक्ट्स में इस स्वदेशी इंजन को लगाने की योजना है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, घातक ड्रोन की पहली उड़ान परीक्षण 2025 के अंत तक हो सकती है। यह ड्रोन न सिर्फ पूरी तरह से स्टेल्थ होगा, बल्कि इसमें आफ्टरबर्नर रहित कावेरी इंजन लगेगा, जिससे इसे दुश्मन के रडार से बचने में मदद मिलेगी।

रक्षा आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

कावेरी इंजन को स्टेल्थ ड्रोन में लगाना भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और बड़ा कदम है। दशकों तक भारत को विदेशी इंजन और तकनीक पर निर्भर रहना पड़ा है, लेकिन अब यह तस्वीर बदल रही है। स्वदेशी इंजन के इस्तेमाल से न सिर्फ विदेशी निर्भरता घटेगी, बल्कि लागत और लॉजिस्टिक्स में भी राहत मिलेगी।

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