यूपी में प्राइमरी शिक्षकों को भी दूसरे जिले में जानें का मौका

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। बेसिक शिक्षा परिषद ने अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा कर दी है। इच्छुक शिक्षक-शिक्षिकाएं 9 से 12 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से पारदर्शी और सॉफ्टवेयर आधारित होगी।

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र तिवारी ने गुरुवार को सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को निर्देश जारी करते हुए कहा कि 6 व 7 जून को आरटीई मानकों के आधार पर छात्र-शिक्षक अनुपात की गणना की जाएगी। इसके आधार पर जरूरतमंद और अधिक शिक्षक वाले जिलों की सूची पोर्टल पर ऑनलाइन प्रदर्शित की जाएगी।

ऑनलाइन आवेदन और सत्यापन की प्रक्रिया:

शिक्षक-शिक्षिकाओं को 9 से 13 जून के बीच अपने ऑनलाइन आवेदन की छायाप्रति संबंधित बीएसए कार्यालय में जमा करनी होगी। 14 जून को बीएसए स्तर से सभी आवेदनों का ऑनलाइन सत्यापन और डाटा लॉक किया जाएगा। 16 जून को एनआईसी लखनऊ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्थानांतरण की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।

सेवा अवधि की बाध्यता नहीं, विकल्प देना अनिवार्य

बड़ी बात यह है कि इस स्थानांतरण प्रक्रिया के लिए सेवा अवधि की कोई बाध्यता नहीं रखी गई है। यानी कोई भी शिक्षक, जो आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले जिले में कार्यरत हैं, वे जरूरत वाले जिलों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

शिक्षकों को पोर्टल पर दर्शाए गए जिलों में से कम से कम एक जिले का विकल्प देना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर उनका आवेदन स्वतः निरस्त माना जाएगा। स्थानांतरण केवल वैकेंसी मैट्रिक्स के अनुरूप ही किया जाएगा, ताकि किसी जिले में शिक्षकों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक न हो।

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