यूपी: UPPSC की भर्ती परीक्षाओं में बड़ा बदलाव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने अपनी भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है। अब आयोग की अधिकांश परीक्षाएं तीन चरणों — प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार — के तहत आयोजित की जाएंगी। इस नई प्रणाली का उद्देश्य चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है, जिससे अधिक योग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित किया जा सके।

अभियंत्रण सेवा परीक्षा में लागू हुआ नया प्रारूप

इस नई व्यवस्था की शुरुआत सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा से की गई है। पहली बार इस परीक्षा में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के साथ इंटरव्यू को अनिवार्य किया गया। हालांकि परीक्षा से पहले कुछ उम्मीदवारों ने सिलेबस में गैर-इंजीनियरिंग विषयों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई थी, लेकिन परीक्षा संपन्न होने के बाद किसी ने औपचारिक आपत्ति दर्ज नहीं कराई।

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती भी बदले स्वरूप में

अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में भी बदलाव की तैयारी है। अब तक केवल स्क्रीनिंग टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर चयन किया जाता था, जिसमें स्क्रीनिंग के अंक अंतिम चयन में शामिल नहीं होते थे। लेकिन नई प्रणाली में प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू तीनों के अंक मिलाकर अभ्यर्थियों का मूल्यांकन किया जाएगा।

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में भी बदलाव की तैयारी

वर्ष 2018 में आयोजित एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती केवल एकल परीक्षा के माध्यम से की गई थी। अब इस भर्ती को भी दो चरणों — प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में विभाजित किया जाएगा, जिससे बेहतर योग्यता का मूल्यांकन संभव होगा।

इंटर कॉलेज प्रवक्ता भर्ती में पहले ही हो चुका है बदलाव

राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता पदों की भर्ती में आयोग पहले ही बदलाव कर चुका है। पहले यह प्रक्रिया केवल स्क्रीनिंग टेस्ट और साक्षात्कार तक सीमित थी, लेकिन अब इसे बहु-चरणीय बना दिया गया है।

आगे और भी भर्तियों में लागू हो सकती है नई प्रणाली

आयोग ने संकेत दिया है कि भविष्य में अन्य भर्तियों में भी इसी बहु-चरणीय चयन प्रणाली को लागू किया जा सकता है। आयोग का मानना है कि इससे अभ्यर्थियों की गहन विषयगत समझ का मूल्यांकन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।

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