पाकिस्तान ने चीन से की आधिकारिक शिकायत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने औपचारिक तौर पर चीन से इस विफलता को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि चीन से सप्लाई किए गए HQ-9B एयर डिफेंस सिस्टम, भारत की हाई-स्पीड मैक 3 क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के खिलाफ पूरी तरह नाकाम रहे।
चीन ने दी सफाई, मानी कमजोरी
मामले के बढ़ते दबाव के बीच, चीन ने यह स्वीकार किया है कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ब्रह्मोस जैसी हाई-स्पीड सुपरसोनिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। चीन के जिलिन प्रांत में छपे एक लेख में, यहां तक लिखा गया है कि ब्रह्मोस भारत की सेना का ट्रम्प कार्ड हथियार बन चुका है, और इसकी गति व मारक क्षमता को रोकना मौजूदा चीनी तकनीक के लिए "लगभग असंभव" है।
ड्रोन हमले में भी ध्वस्त हुए चीनी रडार
ऑपरेशन 'सिदूर' की शुरुआत में ही भारत ने एक सटीक ड्रोन स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के चीनी रडार सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया था। इससे पहले कि HQ-9B कोई प्रतिक्रिया दे पाते, ब्रह्मोस मिसाइलों ने अपनी विनाशकारी उड़ान पूरी कर दी।
ब्रह्मोस – भारतीय ताकत का प्रतीक
भारत-रूस की साझेदारी में विकसित ब्रह्मोस मिसाइल को विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है। इसकी गति Mach 2.8 से 3.0 तक होती है, और यह बेहद कम ऊंचाई पर उड़ते हुए अपने लक्ष्य पर सटीक प्रहार करती है। इसकी टर्मिनल फेज में भी इसकी गति और घातकता बनी रहती है, जिससे किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे इंटरसेप्ट करना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
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