बिहार में मुख्यमंत्री नलकूप योजना के तहत 80% तक अनुदान

पटना: बिहार की कृषि को आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाने के संकल्प के साथ शुरू की गई “मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना” किसानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना “सात निश्चय-2” के तहत राज्य के हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का जो सपना देखा गया था, वह अब धरातल पर उतरता दिख रहा है।

लघु जल संसाधन विभाग के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2024 से अब तक राज्य के 20,228 किसानों ने इस योजना का लाभ उठाकर 115.74 करोड़ रुपये का सरकारी अनुदान प्राप्त किया है। दिलचस्प बात यह है कि इसमें 3,877 महिला किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने सरकार से कुल 22.52 करोड़ रुपये का अनुदान लेकर अपने खेतों में निजी नलकूप स्थापित किए हैं।

अनुदान दर में वर्गीय प्राथमिकता

इस योजना के अंतर्गत किसानों को निजी नलकूप लगाने के लिए उनकी सामाजिक स्थिति के अनुसार अनुदान प्रदान किया जा रहा है: सामान्य वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान, पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान, अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।

महिला किसानों की बदली भूमिका

कभी कृषि कार्यों में पुरुषों की सहायक के रूप में देखी जाने वाली महिलाएं, अब खुद स्वावलंबी किसान बनकर उभरी हैं। खेत की बुवाई, फसल की देखभाल से लेकर सिंचाई और विपणन तक में वे सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। नलकूप लगवाकर इन महिला किसानों ने न केवल अपनी कृषि उत्पादकता बढ़ाई है, बल्कि इससे अपनी आर्थिक स्थिति को भी सशक्त किया है।

योजना की व्यापकता और प्रभाव

मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना ने खासकर उन इलाकों में बड़ी राहत दी है, जहां आज भी बारिश ही सिंचाई का प्रमुख साधन थी। निजी नलकूप लगने से अब किसान साल में एक से अधिक फसलें ले पा रहे हैं। इससे राज्य की कृषि आय में भी इज़ाफा हो रहा है।

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