बैठक में कार्यपालक अभियंता और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में स्मार्ट मीटर योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि लक्ष्य की पूर्ति के लिए साढ़े तीन गुणा मानव बल (मैनपावर) लगाकर कार्य को तीव्र गति से पूरा किया जाए।
एक माह में निपटाएं कनेक्शन के आवेदन
जिलाधिकारी ने नए बिजली कनेक्शन के लिए आए आवेदनों को लेकर भी नाराजगी जताई और कहा कि एक माह के भीतर सभी लंबित आवेदनों का निपटारा किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्युत सेवा में देरी जनता की असुविधा का कारण बन रही है, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विभागीय बकाया बिलों पर भी सख्ती
बैठक में यह भी सामने आया कि विभिन्न सरकारी विभागों पर विद्युत विभाग का भारी बकाया है। इस पर जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वे शीघ्र अपने-अपने बिजली बिलों का भुगतान करें, ताकि विभाग की वित्तीय स्थिति मजबूत हो और स्मार्ट मीटर योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।
क्यों जरूरी है स्मार्ट मीटर?
बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार, स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को वास्तविक समय में बिजली खपत की जानकारी देता है। इससे बिजली की बचत, पारदर्शिता और बिलिंग प्रणाली में सुधार होता है। साथ ही बिजली चोरी पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है।
0 comments:
Post a Comment