MIRV तकनीक से लैस
मार्च 2024 में हुए ऐतिहासिक परीक्षण के साथ भारत ने अग्नि-V को MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) तकनीक से लैस किया, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों पर स्वतंत्र रूप से वार करने में सक्षम हो गई। यह तकनीक अब तक केवल कुछ गिनी-चुनी परमाणु शक्तियों के पास थी।
अद्वितीय गति और रेंज
अग्नि-V की रफ्तार इसकी सबसे चौंकाने वाली विशेषता है। यह मिसाइल ध्वनि की गति से 24 गुना तेज, यानी लगभग 29,400 किमी/घंटा की रफ्तार से अपने लक्ष्य तक पहुँच सकती है। इसकी मारक दूरी 5,000 से अधिक किलोमीटर है, और DRDO इसे बढ़ाकर 7,500 किमी तक ले जाने की दिशा में कार्यरत है। इसका मतलब है कि यह मिसाइल भारत से दागे जाने पर चीन के बीजिंग या शंघाई से लेकर पाकिस्तान के कराची और इस्लामाबाद तक किसी भी लक्ष्य को भेद सकती है।
नेविगेशन और सटीकता
मिसाइल में अत्याधुनिक रिंग लेज़र जाइरोस्कोप आधारित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, भारत का स्वयं का NavIC उपग्रह प्रणाली, और अन्य उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली मौजूद हैं। इसके चलते यह अपने लक्ष्य पर अविश्वसनीय सटीकता से वार करने में सक्षम है।
बंकर-बस्टर वारहेड क्षमता
एक अन्य महत्त्वपूर्ण विकास यह है कि अग्नि-V को अब 7500 किलोग्राम तक के बंकर-बस्टर वारहेड को ले जाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसका अर्थ है कि यह दुश्मन के किलेबंद ठिकानों को भी आसानी से नष्ट कर सकती है चाहे वे ज़मीन के भीतर कितने ही गहरे क्यों न हों।
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