मुख्यमंत्री का शिक्षकों के प्रति भरोसा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" पर इस फैसले की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि शिक्षा विभाग द्वारा हाल में की गई स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर कई सुझाव मिले हैं। इन सुझावों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प लिया जाएगा, और उन्हीं जिलों में से किसी एक में उन्हें पदस्थापित किया जाएगा।
इसके साथ ही जिलों के भीतर स्थानांतरण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति को दी जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षक की पोस्टिंग संभव हो सके तो उसकी प्राथमिकता वाले प्रखंड या उसके आस-पास ही हो।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य की नींव हैं, और उन्हें इस प्रक्रिया को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार का उद्देश्य शिक्षकों को पारिवारिक और सामाजिक संतुलन के साथ बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करना है ताकि वे पूरी लगन से बच्चों को शिक्षित कर सकें।
म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए खोला गया ई-शिक्षा पोर्टल
इस फैसले के साथ ही एक और अहम कदम उठाया गया है। उन शिक्षकों के लिए जो किसी कारणवश पिछली ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके थे, उनके लिए अब ई-शिक्षा पोर्टल को दोबारा खोला गया है।
म्यूचुअल ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत दो शिक्षक आपसी सहमति से एक-दूसरे के स्थान पर ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए दोनों शिक्षकों को आवश्यक दस्तावेज और निर्धारित शर्तें पूरी करनी होंगी। प्रक्रिया पारदर्शी और डिजिटल होगी, जिससे मनचाहे जिले में कार्य करने का सपना अब साकार हो सकेगा।
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