यह पहल न केवल सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के संकल्प को भी दर्शाता है। योजना के अंतर्गत वे महिलाएं जो अपने पति की मृत्यु के बाद किसी आर्थिक सहारे के बिना जीवन यापन कर रही हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा नियमित रूप से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
क्यों खास है यह पहल?
1 .समय से पहले भुगतान: आमतौर पर यह राशि तिमाही के अंत में दी जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर त्योहारों को ध्यान में रखते हुए इसे अगस्त के पहले सप्ताह में ही ट्रांसफर कर दिया गया।
2 .बड़ी संख्या में लाभार्थी: उत्तर प्रदेश में इस बार 36,75,623 महिलाओं को यह सहायता राशि मिली है, जो कि एक रिकॉर्ड संख्या है।
3 .पिछली तिमाही की तुलना: अप्रैल-जून 2025 की पहली तिमाही में 35,78,111 महिलाओं को कुल 1062.15 करोड़ रुपये प्रदान किए गए थे, जबकि इस तिमाही में न केवल राशि बढ़ी है बल्कि लाभार्थियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से लाभ:
इस योजना का उद्देश्य केवल पेंशन देना नहीं, बल्कि उन महिलाओं को सामाजिक सम्मान और आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है जो पति के निधन के बाद अकेली रह गई हैं। यह एक सकारात्मक संदेश देता है कि सरकार उनके साथ खड़ी है, खासकर ऐसे समय में जब त्योहारों की रौनक हर किसी के जीवन में जरूरी होती है।
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