1 दिसंबर को जारी सर्कुलर के अनुसार, नए विकल्प हैं।
ऑटो चॉइस लाइफ साइकल 75–हाई (15E/55Y)
ऑटो चॉइस लाइफ साइकल–एग्रेसिव (35E/55Y)
ये विकल्प विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जो उम्र के अलग-अलग चरणों में ज्यादा या कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं।
1. ऑटो चॉइस लाइफ साइकल 75–हाई (15E/55Y): युवाओं के लिए हाई इक्विटी एक्सपोजर
इस विकल्प में सब्सक्राइबर की उम्र 35 वर्ष तक कुल योगदान का 75% हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाएगा। 35 वर्ष की उम्र के बाद यह इक्विटी अलोकेशन धीरे-धीरे कम होता जाएगा और 55 वर्ष की आयु पर यह 15% पर आ जाएगा। यह मॉडल उन कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है जो करियर की शुरुआत में अधिक जोखिम लेकर लंबी अवधि में उच्च रिटर्न का लक्ष्य रखते हैं।
2. ऑटो चॉइस लाइफ साइकल–एग्रेसिव (35E/55Y): मध्यम जोखिम में बेहतर रिटर्न का विकल्प
इस विकल्प में 45 वर्ष की उम्र तक योगदान का 50% भाग इक्विटी में रहता है। 45 वर्ष के बाद यह अनुपात धीरे-धीरे घटकर 55 वर्ष की उम्र तक 35% पर पहुंच जाता है। यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए सही है जो इक्विटी में निवेश तो चाहते हैं लेकिन बहुत अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते।
पहले से मौजूद विकल्प
इन दो नए विकल्पों के जुड़ने से अब कुल 6 निवेश विकल्प उपलब्ध हो गए हैं। पहले से मौजूद स्कीमें हैं डिफॉल्ट स्कीम, एक्टिव चॉइस, ऑटो चॉइस – लाइफ साइकल 25 (लो) (5E/55Y), ऑटो चॉइस – लाइफ साइकल 50 (मॉडरेट) (10E/55Y), अब कर्मचारियों के पास जोखिम क्षमता और निवेश रणनीति के अनुसार अधिक विकल्प चुनने की सुविधा हो गई है।

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