नवंबर में लोडिंग लगभग दोगुनी
ऊर्जा बाज़ार पर नजर रखने वाली विश्लेषक फर्म Kpler के अनुसार नवंबर में रूसी बंदरगाहों से भारत के लिए क्रूड ऑयल की औसत लोडिंग करीब 1.27 मिलियन बैरल प्रति दिन रही। यह नवंबर के पहले 17 दिनों के 672,000 बैरल प्रति दिन की तुलना में लगभग दोगुना है। हालाँकि यह अक्टूबर के 1.84 मिलियन बैरल प्रति दिन से कम है, फिर भी महीने के दूसरे पखवाड़े में आई तेज बढ़ोतरी दर्शाती है कि रूसी सप्लायरों ने अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव को सीमित करने के लिए वैकल्पिक तरीकों को तेजी से लागू किया।
अमेरिकी प्रतिबंधों से पहले ही भारत ने कर लिए थे सौदे
अमेरिका ने 21 नवंबर को रूसी कंपनियों Rosneft और Lukoil पर नए प्रतिबंध लगाए थे। यह कदम रूस की यूक्रेन युद्ध से जुड़ी फंडिंग क्षमता को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा था। लेकिन भारतीय कंपनियाँ पहले ही बड़ी मात्रा में नवंबर के लिए खरीदारी कर चुकी थीं। यही कारण है कि भारतीय बंदरगाहों पर नवंबर में रूसी तेल का अराइवल बढ़कर 1.83 मिलियन बैरल प्रति दिन तक पहुँच गया, जबकि अक्टूबर में यह 1.62 मिलियन बैरल प्रति दिन था।
नए रास्ते: शिप-टू-शिप ट्रांसफर और बदलते डेस्टिनेशन
जानकारों का कहना है कि अमेरिकी निगरानी से बचने के लिए रूसी तेल आपूर्तिकर्ता अब कई नए उपाय अपना रहे हैं। समुद्र में ही शिप-टू-शिप (STS) ट्रांसफर, यात्रा के दौरान अचानक डेस्टिनेशन बदलना, और अधिक जटिल लॉजिस्टिक नेटवर्क का उपयोग। मुंबई के पास STS ट्रांसफर में वृद्धि इस रणनीति का एक बड़ा संकेत है, जिसके कारण भारतीय रिफाइनरियों का भरोसा फिर से बढ़ा है।
हालांकि अनुमान है की दिसंबर में थोड़ी गिरावट की संभावना हैं
हालांकि, Kpler का अनुमान है कि दिसंबर में भारत के लिए रूसी क्रूड का अराइवल लगभग 1 मिलियन बैरल प्रति दिन के आसपास रह सकता है। यह स्तर नवंबर के उछाल से कम होगा, पर सप्लाई चेन की स्थिरता का संकेत भी देता है।
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