संग्रहालय परियोजना का निर्माण और संचालन टाटा सन्स अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड के तहत करेंगे। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि यह संग्रहालय एक गैर-लाभकारी मॉडल पर तैयार होगा। इसके लिए कंपनी एक्ट 2013 की धारा 8 के तहत एक विशेष गैर-लाभकारी संस्था बनाई जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
राज्य सरकार ने पहले संग्रहालय के लिए 25 एकड़ भूमि आवंटित की थी, लेकिन टाटा सन्स ने इसके विस्तार और भव्यता को देखते हुए 27.102 एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की थी। अब कुल 52.102 एकड़ पर यह सांस्कृतिक परिसर आकार लेगा।
दरअसल, संत समाज और व्यापारी वर्ग ने इस फैसले का स्वागत किया है। संत दिवाकराचार्य ने कहा कि यह कदम अयोध्या की गौरवशाली पहचान को नई ऊँचाई देगा और पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। मंदिर संग्रहालय के बनने से अयोध्या को एक नया सांस्कृतिक पहचान चिन्ह मिलेगा।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और ध्वजारोहण समारोह के बाद रोजाना 2 से 4 लाख श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्याधाम पहुंच रहे हैं। संग्रहालय युवा पीढ़ी, विदेशी पर्यटक और भारतीय सांस्कृतिक प्रेमियों को आकर्षित करेगा, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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