बिहार में 'शिक्षकों' को 1 बड़ी खुशखबरी, वेतन में वृद्धि के आदेश

पटना। बिहार के विशिष्ट शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग की ओर से एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। लंबे समय से वेतन वृद्धि का इंतजार कर रहे शिक्षकों को नवंबर महीने का बढ़ा हुआ वेतन 6 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से भुगतान करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। 

आपको बता दें की यह निर्णय शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र ने मंगलवार को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान लिया। यह कदम न केवल शिक्षकों की वित्तीय समस्याओं को कम करेगा, बल्कि उनके मनोबल को भी मजबूत करेगा।

‘कैंप मोड’ में होगी वेतन निर्धारण की प्रक्रिया

शिक्षकों को समय पर वेतन मिले, इसके लिए विभाग ने विशेष व्यवस्था करते हुए कैंप मोड में वेतन निर्धारण करने का फैसला लिया है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEOs) को निर्देश दिया गया है कि 10 दिसंबर तक विशिष्ट शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण से संबंधित प्रविष्टियां कैंप मोड में पूरी कर ली जाएं। इस व्यवस्था से शिक्षकों को अलग-अलग कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और पूरा काम तेज़ी तथा पारदर्शिता के साथ पूरा होगा।

वेतन भुगतान की सख्त समय-सीमा

शिक्षा विभाग ने वेतन से जुड़े सभी चरणों के लिए स्पष्ट समय-सीमाएं निर्धारित कर दी हैं।

5–6 दिसंबर

5 दिसंबर तक शिक्षक अपनी सेवा पुस्तिका पर वेतन निर्धारण करवाकर उसकी रसीद प्राप्त करेंगे। 6 दिसंबर तक यह रसीद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) के लेखापाल को जमा करनी होगी। इसी दिन तक बढ़ा हुआ वेतन और बकाया राशि का भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

8 दिसंबर

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वेतन निर्धारण की जांच कर एरियर बिल और सेवा पुस्तिका को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को सौंप देंगे।

10 दिसंबर

अन्य वित्तीय बकायों से संबंधित विपत्र भी 10 दिसंबर तक जमा किए जाएंगे। जिला स्तर पर जांच होने के बाद भुगतान तीन दिनों के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। वेतन निर्धारण और दस्तावेजों की जांच में पूर्ण सावधानी और पारदर्शिता बरतने की बात कही गई है। यह निर्णय उन शिक्षकों के लिए अत्यंत राहतकारी है जो लंबे समय से वेतन वृद्धि के प्रभावी होने का इंतजार कर रहे थे।

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