जो कर्मचारी निर्धारित समय तक ब्योरा नहीं देंगे, उनके नाम 1 फरवरी 2026 से होने वाली पदोन्नति में शामिल नहीं किए जाएंगे। बता दें की प्रदेश में आठ लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं, जिनसे यह अपेक्षा की जा रही है कि वे 31 दिसंबर 2025 तक अर्जित सभी संपत्तियों का विवरण पोर्टल पर अपडेट करें।
पोर्टल 1 जनवरी 2026 से चालू होगा और सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने विभाग के कर्मचारियों का ब्योरा अनिवार्य रूप से ऑनलाइन कराएं। आदेश में साफ कहा गया है कि संपत्ति का विवरण न देने वाले कर्मियों के खिलाफ कर्मचारी सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई भी की जाएगी।
वहीं, जिन्हें ब्योरा देने की छूट दी गई है, उन्हें यह सुविधा अगले आदेश तक लागू रहेगी। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर संपत्ति विवरण दर्ज करने से प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी सुधार आएगा और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

0 comments:
Post a Comment