सुप्रीम कोर्ट की राय का असर
यह कदम सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद उठाया गया है। पत्रकार सुकन्या शांता की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जेलों में जाति के आधार पर काम बांटना असंवैधानिक है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह जेल मैनुअल में ऐसे संशोधन करे और बंदियों के रजिस्टर से जाति का कॉलम हटा दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से यह भी कहा था कि हाथ से मैला उठाने, सीवर की सफाई या सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे कार्यों में जाति के आधार पर विभाजन नहीं होना चाहिए।
नई व्यवस्था के मुख्य बिंदु
जाति आधारित कार्य वितरण खत्म: जेल में काम अब किसी जाति या समुदाय के आधार पर नहीं बाँटा जाएगा।
रजिस्टर में बदलाव: दोषी या विचाराधीन कैदियों के रजिस्टर से जाति का कॉलम हटाया जाएगा।
समान अवसर: सभी बंदियों को जेल के कार्यों में समान अवसर मिलेंगे, जिससे उन्हें सीखने और जिम्मेदारी निभाने का समान मौका मिलेगा।
सुरक्षा और स्वच्छता: बंदियों को जोखिम भरे कार्यों में जाति के आधार पर अलग करना अब बंद होगा।

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