केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी, सरकार ने बदले बड़े नियम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी हुआ है। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में निवेश करने वाले कर्मचारियों को अब अपने निवेश के तरीके पर पहले की तुलना में कहीं अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। 

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने निवेश विकल्पों की संख्या 4 से बढ़ाकर 6 कर दी है, जिससे कर्मचारी अपनी उम्र, जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्य के अनुसार अधिक सही विकल्प चुन सकेंगे। अब तक अधिकांश सरकारी कर्मचारी डिफॉल्ट स्कीम के तहत ही निवेश करते थे। रिपोर्ट के अनुसार, केवल लगभग 4% कर्मचारी ही अपने मनपसंद निवेश मॉडल को चुनते थे। लेकिन अब नए नियम इस पूरी व्यवस्था को बदलने जा रहे हैं।

डिफॉल्ट स्कीम में क्या होता था?

अब तक डिफॉल्ट मॉडल में कर्मचारियों का पैसा पहले से निर्धारित एसेट एलोकेशन फॉर्मूले के तहत तीन सरकारी पेंशन फंड मैनेजरों द्वारा निवेश किया जाता था। इसमें कर्मचारियों को यह चुनने की सुविधा बहुत सीमित थी कि उनका पैसा कहाँ और कितनी मात्रा में लगे। लेकिन वित्त मंत्रालय की नई अधिसूचना के बाद PFRDA ने दो नए ऑटो-चॉइस मॉडल जोड़ दिए हैं, जो कर्मचारियों को इक्विटी में ज्यादा एक्सपोज़र लेकर बेहतर रिटर्न हासिल करने में मदद करेंगे।

अब कुल 6 विकल्प किसे क्या मिलेगा?

सरकारी कर्मचारियों के पास अब कुल 6 निवेश मॉडल उपलब्ध हैं: डिफॉल्ट स्कीम, 100% G-Sec वाला एक्टिव चॉइस, लाइफ साइकिल मॉडल LC 25, लाइफ साइकिल मॉडल LC 50, लाइफ साइकिल मॉडल LC 75 (हाई रिस्क) और एलसी एग्रेसिव मॉडल। इनमें लाइफ-साइकिल मॉडल्स की खासियत है कि उम्र बढ़ने के साथ इक्विटी निवेश धीरे-धीरे घटते हुए सुरक्षित विकल्पों में बदलता जाता है। इससे जोखिम और स्थिरता का संतुलन बना रहता है।

क्या है LC 75 और LC एग्रेसिव मॉडल की खासियत?

नए विकल्पों में सबसे ज्यादा चर्चा LC 75 और LC एग्रेसिव मॉडल की है:

1. LC 75 (High Risk – Young Investors के लिए बेहतरीन): 

35 वर्ष की आयु तक 75% निवेश इक्विटी में, 

55 वर्ष की उम्र तक इक्विटी एक्सपोज़र घटकर 15% रह जाएगा, 

लंबे समय में बेहतर ग्रोथ का अवसर

2. LC Aggressive: 

45 वर्ष तक 50% इक्विटी निवेश, 

55 वर्ष की आयु में भी इक्विटी हिस्सा 35%, 

मध्यम जोखिम और बेहतर रिटर्न का संतुलन

इन दोनों मॉडल्स को युवा कर्मचारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि वे लंबी अवधि में मार्केट ग्रोथ का फायदा उठा सकें और बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस तैयार कर सकें।

डिफॉल्ट स्कीम से बाहर आने वालों के लिए नई व्यवस्था

जो कर्मचारी अपने निवेश पर पूरा नियंत्रण चाहते हैं, वे डिफॉल्ट स्कीम छोड़कर उपलब्ध 5 नॉन-डिफॉल्ट विकल्पों में से कोई एक मॉडल चुन सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें PFRDA द्वारा मान्यता प्राप्त 10 पेंशन फंड मैनेजर्स में से एक को भी चुनना होगा।

कर्मचारियों के लिए PFRDA की सलाह है कि वे समय-समय पर स्कीम के रिटर्न की समीक्षा करें, जोखिम क्षमता को समझकर ही विकल्प चुनें, NPS ट्रस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध अपडेटेड डेटा को जरूर देखें, सबसे अच्छी बात यह है कि नए विकल्प CRA प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हो चुके हैं। यानी केंद्रीय कर्मचारी तुरंत अपना निवेश मॉडल बदल सकते हैं।

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