मेडिटेशन करने से बढ़ती है याददाश्त: स्टडी

हेल्थ डेस्क: लोगों को जागरूक करने के लिए इस दुनिया में कई तरह के शोध किये जाते हैं ताकि लोगों को इसके बारे में सही जानकारी मिल सके। कुछ दिन पहले हुए एक स्टडी के अनुसार यह बात साबित हो पाया की मेडिटेशन करने से इंसान की याददास्त बढ़ जाती हैं तथा इंसान खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता हैं। इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे की क्या मेडिटेशन करने से याददाश्त बढ़ती हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से। 
माइंडफुलनेस नाम के जर्नल में प्रकाशित एक खबर के अनुसार मेडिटेशन करने से इंसान की याददाश्त बढ़ती हैं और दिमाग का न्यूरो सिस्टम सही तरीकों से कार्य करता हैं। इससे सोचने समझने की शक्ति भी बेहतर होती हैं। साथ ही साथ दिमाग में मानसिक बीमारी होने के चांस कम जाते हैं। 

स्टडी में कहा गया है कि इंसानों पर मेडिटेशन का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। यह इंसानों के सोचने के तरीकों को भी प्रभावित करता है।  जिससे दिमाग में नए आइडियाज आते हैं। इसका प्रभाव अनुभवी मेडिटेटर्स के साथ नए मेडिटेटर्स पर भी पड़ता है। 

स्टडी में यह भी बताया गया है कि मेडिटेशन करने से दिमाग में ब्लड के साथ साथ ऑक्सीजन का फ्लो सही तरीकों से होता हैं। जिसके कारण दिमाग के सेल्स मजबूत हो जाते हैं। इससे सोचने समझने की शक्ति बेहतर होती हैं और दिमाग में स्ट्रेस हार्मोन्स का लेवल भी कम जाता हैं। 

इस स्टडी को करने के लिए 40 लोग को शामिल किया गया था। सभी लोगों को थिकिंग टास्क दिया गया था, जिसे करने से पहले 25 मिनट तक मेडिटेशन किया। इन लोगों में आधे अनुभवी और आधे फर्स्ट टाइम मेडिटेटर्स शामिल थे। स्टडी में क्रिएटिविटी के दो मेन इनग्रिडियंट्स पर मेडिटेशन के अलग-अलग तकनीकों के प्रभावों की जांच की गई। इससे ये पाया गया की मेडिटेशन करने वाले लोगों की याददाश्त और लोगों के मुकाबले ज्यादा अच्छा और बेहतर हैं।

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