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यूपी में 500 पंचायतें और 75 नए ब्लॉक प्रमुख बनाए जाएंगे!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं और इस बार चुनाव में बड़ा प्रशासनिक बदलाव देखने को मिलेगा। राज्य सरकार ने 500 नई ग्राम पंचायतों और 75 नए विकासखंडों (ब्लॉकों) के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पंचायतीराज विभाग और ग्राम्य विकास विभाग ने इस दिशा में काम तेज कर दिया है।

पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू

पंचायतीराज विभाग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायती राज अधिकारियों से 5 जून तक रिपोर्ट मांगी है। जिन ग्राम पंचायतों की आबादी बहुत अधिक है, उन्हें विभाजित कर नई पंचायतों का गठन किया जाएगा। नियमों के अनुसार, किसी भी ग्राम पंचायत की न्यूनतम जनसंख्या 1000 होनी चाहिए। इसी आधार पर नए पंचायत क्षेत्रों की पहचान की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 500 नई पंचायतों के गठन की संभावना है। इसका सीधा असर पंचायत चुनावों पर पड़ेगा, जहां 500 नए ग्राम प्रधान चुने जाएंगे।

शहरीकरण से घटी पंचायतों की संख्या

2021 के पंचायत चुनावों के दौरान प्रदेश में कुल 58,189 ग्राम पंचायतें थीं। लेकिन शहरीकरण की प्रक्रिया के चलते 494 ग्राम पंचायतों को नगर निकायों में शामिल कर लिया गया, जिससे वर्तमान में ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57,695 रह गई है। नए गठन के बाद पंचायतों की संख्या फिर से बढ़ेगी।

75 नए विकासखंड भी होंगे शामिल

राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वर्ष 2022 में 75 नए विकासखंडों के गठन की घोषणा की थी। उनका कहना था कि कई मौजूदा ब्लॉक इतने बड़े हैं कि वहां विकास योजनाओं को लागू करना मुश्किल हो रहा है। इन बड़े ब्लॉकों को विभाजित कर नए ब्लॉक तैयार किए जाएंगे। इस प्रक्रिया के बाद राज्य में विकासखंडों की संख्या 826 से बढ़कर 901 हो जाएगी। इससे विकास कार्यों की निगरानी और क्रियान्वयन में तेजी आने की उम्मीद है।

पंचायत चुनाव 2026: बड़ा प्रशासनिक बदलाव

2026 के पंचायत चुनावों से पहले इस तरह का पुनर्गठन न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नई पंचायतों और ब्लॉकों के गठन से स्थानीय शासन को मजबूती मिलेगी और योजनाओं का लाभ अधिक सटीकता और पारदर्शिता के साथ आम जनता तक पहुंच सकेगा।

बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर बड़ा अपडेट

पटना। बिहार में लंबे समय से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रांसफर का इंतजार था, जो अब खत्म होने वाला है। शिक्षा विभाग ने एक लाख तीस हजार शिक्षकों के तबादले को लेकर बड़ा ऐलान किया है। इस बार पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी तरीके से की जा रही है, जिससे शिक्षकों को न तो किसी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा और न ही किसी बिचौलिये की जरूरत होगी।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि 20 जून से शिक्षकों को ट्रांसफर लेटर मिलना शुरू हो जाएगा। यह लेटर ई-शिक्षा कोष पोर्टल और मोबाइल एप के माध्यम से उपलब्ध होगा। शिक्षक अपने नए स्कूल की जानकारी भी इसी पोर्टल पर देख सकेंगे।

बिना कार्यालय जाए मिलेगा ट्रांसफर लेटर

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि इस बार की ट्रांसफर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। ट्रांसफर से जुड़ी सभी जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब शिक्षकों को डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। ट्रांसफर लेटर डाउनलोड करने के बाद शिक्षक 23 जून से 30 जून के बीच अपने नए स्कूल में योगदान देंगे।

डीईओ को सौंपी गई जिम्मेदारी

ट्रांसफर प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जिलों के डीईओ को जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी शिक्षक तय समय सीमा के अंदर नए स्कूल में योगदान करें। इसके लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

भ्रष्टाचार रोकने के लिए डिजिटल प्रक्रिया

शिक्षा विभाग का यह कदम भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत आवेदन, दस्तावेज सत्यापन, वरीयता सूची तैयार करना और स्कूल आवंटन – सभी कार्य पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किए गए हैं।

क्या है ई-शिक्षा कोष पोर्टल?

‘ई-शिक्षा कोष’ शिक्षा विभाग का एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो शिक्षकों के तबादले सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए बनाया गया है। इस पोर्टल पर शिक्षक लॉगिन कर अपनी ट्रांसफर स्थिति, आवंटित स्कूल और अन्य संबंधित सूचनाएं देख सकते हैं।

बिहार में 'सांख्यिकी अधिकारी' की बंपर भर्ती, नोटिश जारी

पटना। बिहार के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का एक सुनहरा अवसर सामने आया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने जिला सांख्यिकी अधिकारी / सहायक निदेशक के कुल 47 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत योग्य उम्मीदवार ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।

भर्ती प्रक्रिया 3 जून 2025 से शुरू होकर 24 जून 2025 तक चलेगी। इच्छुक उम्मीदवार BPSC की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इसको लेकर आयोग के द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

इस पद के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। हालाँकि, विस्तृत योग्यता, आयु सीमा, आरक्षण, परीक्षा पैटर्न और सिलेबस संबंधित जानकारी विस्तृत विज्ञापन में पढ़ें।

पदों का विवरण:

पद का नाम: जिला सांख्यिकी अधिकारी / सहायक निदेशक

पदों की संख्या: कुल 47 पद।

आवेदन प्रक्रिया:

सबसे पहले BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: bpsc.bihar.gov.in

“Apply Online” लिंक पर क्लिक करें। 

आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और ऑनलाइन फीस जमा करें। 

आवेदन पत्र का प्रिंट निकाल लें और भविष्य के लिए सुरक्षित रखें। 

बिहार में नौकरियों की बहार, 2 जून से करें आवेदन!

पटना: बिहार के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर आ गया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 71वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस परीक्षा के जरिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 1250 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। नौकरी की तलाश कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मौका है, जिसे हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया की तिथि और परीक्षा की संभावित तारीख

ऑनलाइन आवेदन शुरू: 2 जून 2025

अंतिम तिथि: 30 जून 2025

संभावित परीक्षा तिथि: 30 अगस्त 2025

योग्यता और आयु सीमा

परीक्षा में भाग लेने के लिए अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 20 से 22 वर्ष निर्धारित की गई है (पद के अनुसार अलग-अलग)। अधिकतम आयु सीमा इस प्रकार है: सामान्य वर्ग: 37 वर्ष बीसी और ईबीसी: 40 वर्ष, एससी/एसटी: 42 वर्ष, सरकारी सेवकों को सेवा में आने के बाद केवल 5 प्रयास की अनुमति होगी।

आवेदन की प्रक्रिया

BPSC की 71वीं परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इच्छुक अभ्यर्थी निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करके आवेदन कर सकते हैं:

सबसे पहले आयोग की आधिकारिक वेबसाइट onlinebpsc.bihar.gov.in पर जाएं। होम पेज पर उपलब्ध ‘Apply Online’ लिंक पर क्लिक करें। नए पंजीकरण (Registration) के लिए आवश्यक जानकारी भरें। रजिस्ट्रेशन के बाद आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। निर्धारित आवेदन शुल्क का भुगतान करें और सबमिट करें। आवेदन फॉर्म का प्रिंटआउट लेकर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।

अभ्यर्थियों के लिए सलाह

BPSC की परीक्षा को बिहार की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है। अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द आवेदन करें और परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं। साथ ही, आधिकारिक वेबसाइट पर जारी दिशा-निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसके अनुसार ही फॉर्म भरें।

मुंबई मेट्रो रेल में बंपर भर्ती: 36 पदों पर वैकेंसी, 14 जून तक करें आवेदन!

मुंबई: मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRC) ने नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए शानदार मौका पेश किया है। MMRC ने कुल 36 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है। इच्छुक और पात्र उम्मीदवार 14 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती जनरल मैनेजर से लेकर जूनियर असिस्टेंट जैसे कई पदों के लिए है।

पदों की संख्या : कुल 36 पद।

पद का नाम : जनरल मैनेजर (General Manager), डिप्टी जनरल मैनेजर, असिस्टेंट जनरल मैनेजर, आर्किटेक्ट, डिप्टी टाउन प्लानर, मैनेजर, डिप्टी इंजीनियर, जूनियर मैनेजर, सुपरवाइजर, जूनियर असिस्टेंट और कंप्यूटर ऑपरेटर। 

शैक्षणिक योग्यता

हर पद के लिए शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग निर्धारित की गई है। इसमें आर्किटेक्चर, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, आईटी, एमसीए, प्लानिंग, एमएसडब्ल्यू, एमबीए जैसे कोर्सेस वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।

सैलरी

भर्ती पदों के अनुसार वेतनमान ₹20,160 से लेकर ₹2,80,000 प्रति माह तक निर्धारित है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए नोटिश देखें।

आयु सीमा

अधिकतम आयु सीमा 53 वर्ष रखी गई है। आयु की गणना और छूट संबंधित विवरणों के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक नोटिफिकेशन अवश्य देखना चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट https://mmrcl.com या सीधे इस लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने से पहले नोटिश को अच्छी तरह से पढ़ लें।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

आवेदन की अंतिम तिथि: 14 जून 2025

1 जून से बदल जाएंगे ये बड़े वित्तीय नियम: हर व्यक्ति पर पड़ेगा असर!

नई दिल्ली। 1 जून 2025 से देश में कई महत्वपूर्ण वित्तीय नियमों में बदलाव लागू हो रहे हैं। इनका प्रभाव न केवल आम जनता की दैनिक आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा, बल्कि लंबी अवधि की वित्तीय योजनाओं पर भी इसका असर महसूस किया जाएगा। इन बदलावों में इनकम टैक्स, आधार अपडेट, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी नई व्यवस्थाएं प्रमुख हैं।

फॉर्म 16 जारी करने की समय-सीमा 15 जून तक

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए फॉर्म 16 जारी करने की अंतिम तिथि 15 जून 2025 निर्धारित की गई है। यह प्रमाण-पत्र नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को जारी किया जाता है, जिसमें वेतन से काटे गए कर और उसका आयकर विभाग में भुगतान दर्ज होता है। यह दस्तावेज़ आयकर रिटर्न भरने में एक आवश्यक साधन के रूप में कार्य करता है।

आधार अपडेट की अंतिम तिथि 14 जून

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार विवरणों को निःशुल्क ऑनलाइन अपडेट करने की अंतिम तिथि 14 जून 2025 निर्धारित की है। इसके पश्चात, ऑनलाइन अपडेट के लिए ₹25 और नामांकन केंद्रों पर ₹50 का शुल्क लिया जाएगा। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते अपने दस्तावेज़ों की समीक्षा और आवश्यक संशोधन करवा लें।

सेबी के नियम में बदलावमिंग

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ओवरनाइट म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए नई कट-ऑफ समय सीमा निर्धारित की है। ऑफलाइन लेनदेन की अंतिम समय सीमा अब दोपहर 3 बजे। ऑनलाइन निवेश के लिए शाम 7 बजे निर्धारित की गई है। यह कदम नेव (NAV) के निर्धारण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

FD ब्याज दरों में कटौती

सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 1 जून 2025 से अपनी सावधि जमा (FD) योजनाओं पर ब्याज दरों में संशोधन की घोषणा की है। नई ब्याज दरें ₹3 करोड़ तक की एफडी के लिए 4% से 8.4% के मध्य होंगी। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी जमा योजनाओं की शर्तों की पुनः समीक्षा करें।

कोटक महिंद्रा बैंक

1 जून से क्रेडिट कार्ड से जुड़े शुल्कों में बदलाव किया जाएगा। इसमें स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन असफल होने तथा डायनामिक करेंसी कन्वर्जन जैसी सेवाओं पर शुल्क लागू होंगे। साथ ही, मिनिमम अमाउंट ड्यू की गणना की प्रक्रिया में भी परिवर्तन किया गया है।

एचडीएफसी बैंक

10 जून से टाटा न्यू इनफिनिटी तथा टाटा न्यू प्लस कार्डधारकों को लाउंज एक्सेस की सुविधा अब वाउचर के माध्यम से, उनके खर्च के आधार पर, प्राप्त होगी।

एक्सिस बैंक

20 जून से एक्सिस बैंक के REWARDS क्रेडिट कार्ड में चरणबद्ध बदलाव लागू होंगे। इनमें रिवॉर्ड पॉइंट्स, कैशबैक, लाउंज एक्सेस एवं खर्च की श्रेणियों से संबंधित नियमों में संशोधन किया जाएगा।

केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन पर आई बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत रिटायर्ड होने वाले या हो चुके केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय ने नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अधिसूचित करते हुए बताया कि NPS के तहत आने वाले वे कर्मचारी, जो 31 मार्च 2025 या उससे पहले सेवानिवृत्त हो गए हैं और कम से कम 10 साल की योग्य सेवा पूरी कर चुके हैं, अब उन्हें अतिरिक्त पेंशन लाभ दिए जाएंगे। यह लाभ NPS से मिलने वाली सालाना पेंशन के अतिरिक्त होंगे।

क्या है UPS स्कीम के तहत मिलने वाला लाभ?

एकमुश्त भुगतान (Lump Sum Payment):

यह राशि अंतिम मूल वेतन और उस पर देय महंगाई भत्ते (DA) का एक-दसवां हिस्सा होगी, जो प्रत्येक पूर्ण छह महीने की योग्य सेवा के आधार पर दी जाएगी।

मासिक पेंशन में टॉप-अप:

UPS के तहत अनुमन्य मासिक पेंशन और DA को जोड़कर जो राशि बनती है, उसमें से NPS के तहत मिलने वाली सालाना पेंशन की राशि घटा दी जाएगी। जो शेष बचेगा, वही मासिक टॉप-अप के रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा, बकाया पेंशन राशि पर सादा ब्याज (Simple Interest) भी मिलेगा, जिसकी गणना पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) की दर के आधार पर की जाएगी।

किन्हें मिलेगा UPS का लाभ?

वर्तमान कर्मचारी: जो 1 अप्रैल 2025 तक केंद्र सरकार की सेवा में हैं और NPS के तहत आते हैं।

नव नियुक्त कर्मचारी: जो 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद केंद्र सरकार की सेवा में नियुक्त होंगे।

पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारी: जो 31 मार्च 2025 या उससे पहले NPS के तहत रिटायर हो चुके हैं, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं या नियम 56(j) के तहत सेवा से हटा दिए गए हैं।

विशेष: अगर ऐसे किसी कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है और उसने UPS के लिए विकल्प नहीं चुना था, तो उसके वैध विवाहित जीवनसाथी को भी यह लाभ मिलेगा।

कैसे करें आवेदन?

ऑनलाइन प्रक्रिया: लाभार्थी www.npscra.nsdl.co.in/ups.php वेबसाइट पर जाकर UPS पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं। वहां निर्धारित फॉर्म भरकर आवेदन जमा किया जा सकता है।

फिजिकल (ऑफलाइन) प्रक्रिया: जिन्हें ऑनलाइन प्रक्रिया में असुविधा हो, वे अपने निकटतम Drawing and Disbursing Officer (DDO) से संपर्क कर सकते हैं और आवश्यक फॉर्म जमा कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथि:

आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 निर्धारित की गई है।

यूपी में खुला नौकरियों का पिटारा, 12 तक आवेदन!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर आया है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने उच्च शिक्षा में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले योग्य उम्मीदवारों के लिए बड़ी भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। आयोग ने प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 107 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 23 मई 2025 से शुरू हो चुकी है और अंतिम तिथि 12 जून 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक उम्मीदवार UPESSC की आधिकारिक वेबसाइट upessc.up.gov.in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

पात्रता मानदंड:

किसी भी विषय में मास्टर डिग्री।

बी.एड. या समकक्ष शिक्षण योग्यता।

एम.फिल./पीएचडी धारक अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिल सकती है।

आवेदन शुल्क:

सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए: ₹2000/-, एससी, एसटी, पीएच श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए: ₹1000/- निर्धारित किया गया हैं।

चयन प्रक्रिया:

चयन प्रक्रिया में टेस्ट और साक्षात्कार शामिल होंगे। आयोग द्वारा जल्द ही विस्तृत पाठ्यक्रम और परीक्षा तिथि की घोषणा की जाएगी। पूरी जानकारी के लिए नोटिश देखें।

क्यों है यह मौका खास?

शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी नौकरी न केवल स्थायित्व देती है, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और बेहतर भविष्य की गारंटी भी मानी जाती है। यूपी सरकार का यह कदम युवाओं को अपने राज्य में ही अवसर देने की दिशा में एक मजबूत पहल माना जा रहा है।

होमगार्ड के 1614 पदों पर भर्ती, 7वीं पास को मौका!

रांची। झारखंड राज्य में होमगार्ड की बड़ी भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार ने 1614 पदों पर गृह रक्षक के लिए आवेदन प्रक्रिया जून 2025 में शुरू करने का ऐलान किया है। इस भर्ती में 7वीं और 10वीं पास उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। झारखंड में होमगार्ड बनने का सपना देखने वालों के लिए यह सुनहरा अवसर है।

होमगार्ड भर्ती 2025: पदों का बंटवारा

इस भर्ती में कुल 1614 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, जिसमें ग्रामीण और शहरी गृह रक्षकों के लिए अलग-अलग आवेदन करने होंगे। ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1276 पद और शहरी क्षेत्र के लिए 338 पद रिजर्व किए गए हैं।

आयु सीमा और योग्यता

आयु सीमा के अनुसार, उम्मीदवार की उम्र 1 जनवरी 2025 को न्यूनतम 19 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए। आवेदन के दौरान जन्मतिथि से संबंधित दस्तावेज ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा। आवेदन के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 7वीं पास निर्धारित की गई है।

कैसे करें आवेदन?

इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 15 जून से 30 जून 2025 तक राज्य गृह रक्षा वाहिनी के आधिकारिक पोर्टल rporalhg.egovran.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

महत्वपूर्ण तारीखें

आवेदन शुरू होने की तिथि: 15 जून 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 30 जून 2025

झींगा मछली के 7 चमत्कारी फायदे, हर किसी को पता होने चाहिए

हेल्थ डेस्क। झींगा मछली (Shrimp) स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी कई मायनों में लाभकारी होती है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आइए जानते हैं झींगा मछली के 7 ऐसे चमत्कारी फायदे, जो हर किसी को पता होने चाहिए:

1. प्रोटीन का समृद्ध स्रोत

झींगा मछली में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मांसपेशियों का विकास करना चाहते हैं।

2. दिल की सेहत के लिए लाभकारी

झींगा मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, जो हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। यह रक्त के प्रवाह को सुधारता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाकर दिल को स्वस्थ रखता है।

3. वज़न नियंत्रण में सहायक

कम कैलोरी और अधिक प्रोटीन वाली झींगा मछली वजन घटाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ रखती है और भूख को नियंत्रित करती है, जिससे वजन घटाना आसान हो जाता है।

4. मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाए

ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क की सेहत के लिए जरूरी होते हैं। झींगा मछली का सेवन स्मृति और मानसिक ध्यान को बढ़ाने में मदद करता है और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली मानसिक कमजोरी को कम करता है।

5. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

झींगा मछली में विटामिन ई और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ, जवान और चमकदार बनाते हैं। साथ ही यह बालों की मजबूती और चमक बढ़ाने में भी मदद करती है।

6. हड्डियों को मजबूत बनाए

झींगा मछली में कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव करते हैं।

7. इम्यून सिस्टम को बढ़ावा दे

झींगा मछली में जिंक और सेलेनियम जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।

परमाणु क्षमता से लैस 'शौर्य मिसाइल' – भारत की खुफिया ताकत!

नई दिल्ली। भारत की रणनीतिक सुरक्षा प्रणाली में "शौर्य मिसाइल" एक बड़ी ताकत हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह मिसाइल न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, बल्कि इसमें परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता भी है। इसके चलते शौर्य को भारत की "खुफिया ताकत" के रूप में देखा जा रहा है, जो शांति के समय में अदृश्य और युद्ध के समय में विनाशक बन सकती है।

शौर्य मिसाइल: मुख्य विशेषताएं:

प्रकार: बैलिस्टिक मिसाइल (सतह से सतह)

मारक दूरी: 700-1900 किलोमीटर

गति: हाइपरसोनिक (ध्वनि से 7.5 गुना तेज)

लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म: कैनिस्टर से लॉन्च किया जाता है

पेलोड: परमाणु या पारंपरिक

उद्देश्य: रणनीतिक, सामरिक हमलों के लिए

सुपरसोनिक गति और स्टील्थ तकनीक

शौर्य मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता इसकी गति और गुप्तता (stealth) है। यह सुपरसोनिक स्पीड से उड़ती है, जिससे इसे इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, यह टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम का हिस्सा है जो जमीन के भीतर से भी लॉन्च हो सकती है – यानी दुश्मन को इसके लॉन्च का अंदाज़ा लगाना आसान नहीं।

परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता – क्यों है अहम?

भारत की "नो फर्स्ट यूज" (पहले हमला नहीं करेंगे) नीति के बावजूद, परमाणु क्षमता से लैस मिसाइलों का होना रणनीतिक रूप से आवश्यक है। शौर्य मिसाइल, थल, वायु और जल – तीनों माध्यमों से हमला करने वाली त्रि-सेना रणनीति (Nuclear Triad) को मजबूत बनाती है। यह चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के सामने भारत की रक्षा तैयारियों को और अधिक भरोसेमंद बनाती है।

लौंग का पानी पुरुषों के लिए अमृत, होंगे 7 बड़े फायदे

हेल्थ डेस्क। आयुर्वेद में लौंग को औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। छोटे से दिखने वाले इस मसाले में इतनी ताकत होती है कि यह कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है। खास बात यह है कि अगर पुरुष रोजाना रात में लौंग का पानी पीना शुरू कर दें, तो यह उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए किसी अमृत से कम नहीं साबित होता।

विशेषज्ञों का कहना है कि लौंग का पानी पुरुषों में न सिर्फ यौन शक्ति बढ़ाता है, बल्कि हार्मोन बैलेंस, पाचन, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। आइए जानते हैं रोजाना रात को लौंग का पानी पीने से पुरुषों को होने वाले 7 बड़े फायदे।

1. स्टैमिना में इज़ाफा

लौंग एक नेचुरल अफ़्रोडिज़िएक है, जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है। इससे पुरुषों की यौन क्षमता, स्टैमिना और प्रदर्शन में सुधार आता है।

2. प्रजनन क्षमता में सुधार

रिसर्च के मुताबिक, लौंग का पानी शुक्राणुओं की गुणवत्ता और उनकी संख्या में वृद्धि कर सकता है, जिससे पुरुषों की फर्टिलिटी बेहतर होती है।

3. प्रोस्टेट हेल्थ के लिए फायदेमंद

लौंग में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व प्रोस्टेट ग्लैंड को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं और प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के खतरे को कम करते हैं।

4. तनाव और अनिद्रा से राहत

अगर आप लगातार मानसिक तनाव या नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो लौंग का पानी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके सेवन से दिमाग शांत होता है और नींद में सुधार आता है।

5. पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त

लौंग का पानी गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। इससे पेट साफ रहता है और मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है, जो वजन नियंत्रित रखने में भी सहायक है।

6. शरीर की इम्यूनिटी को करे मजबूत

लौंग में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह सर्दी-खांसी और वायरल संक्रमण से बचाव करता है।

7. हड्डियों और जोड़ों के दर्द में राहत

लौंग का पानी शरीर में सूजन को कम करता है, जिससे आर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

कैसे बनाएं लौंग का पानी?

रात को सोने से पहले 2-3 लौंग एक गिलास पानी में 10 मिनट तक उबालें। इसे हल्का गुनगुना कर छान लें और खाली पेट या सोने से पहले सेवन करें।

बिहार में फर्जी अटेंडेंस लगाने वाले शिक्षकों पर एक्शन

सहरसा, बिहार। बिहार के सहरसा जिले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। बनमा इटहरी और महिषी प्रखंड के कुल 10 शिक्षकों पर ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करने का गंभीर आरोप सामने आया है। इन शिक्षकों ने हर दिन एक ही फोटो का इस्तेमाल कर पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जबकि वे स्कूल में हाज़िर नहीं थे।

इस मामले की पुष्टि जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) अनिल कुमार ने की है। DEO ने इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। तय समय में जवाब नहीं देने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय, बिहार को मिली शिकायत के आधार पर मई 2025 माह के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल की गहन जांच कराई गई। इस डिजिटल जांच में यह बात सामने आई कि कुछ शिक्षक रोजाना एक ही फोटो को अपलोड कर रहे थे — यानी वे स्कूल आए बिना ही उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। यह कृत्य डिजिटल उपस्थिति प्रणाली की भावना और सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है। DEO ने इसे "गंभीर अनियमितता और अनुशासनहीनता" की श्रेणी में रखा है।

इन शिक्षकों को थमाया गया है नोटिस:

बनमा इटहरी प्रखंड:

मध्य विद्यालय सरबेला: श्याम कुमार, दिव्या भारती, मनोज कुमार चौधरी, शदन रहमान

उत्क्रमित मध्य विद्यालय अफजलपुर: क्रांति किरण, उम्में रूमन

उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेलियाहाट: प्रेमलता कुमारी

उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनमा: कुमारी गुड्डी

नव प्राथमिक विद्यालय इटहरी: अनिल कुमार

महिषी प्रखंड:

उर्दू प्राथमिक विद्यालय आरा घाट: फरहाना नाज

DEO का सख्त रुख

जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार ने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि अगर शिक्षक तय समय सीमा में जवाब नहीं देते हैं, तो विभाग इसे मौन स्वीकृति मानेगा और बिना किसी अतिरिक्त सूचना के एकतरफा कार्रवाई करेगा। इसमें निलंबन, वेतन रोक, या अन्य अनुशासनात्मक दंड शामिल हो सकते हैं।

डिजिटल निगरानी के बावजूद लापरवाही

ई-शिक्षा कोष पोर्टल का उद्देश्य था उपस्थिति में पारदर्शिता लाना, लेकिन यह मामला दर्शाता है कि कुछ शिक्षक अब भी प्रणाली को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना के बाद पूरे जिले में डिजिटल अटेंडेंस की समीक्षा की जा रही है।

बिहार में फर्जी शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई: जांच तेज!

बांका, बिहार: बिहार के शिक्षा महकमे में एक बार फिर से फर्जीवाड़े की परतें खुल रही हैं। बांका जिले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) ने अपनी कार्रवाई को और तेज कर दिया है। ताजा जांच में 10 से ज्यादा शिक्षक संदेह के घेरे में हैं, जिनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।

संदिग्ध प्रमाण पत्रों की जांच शुरू

प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कई शिक्षकों के इंटरमीडिएट सर्टिफिकेट और मार्कशीट में गड़बड़ी पाई गई है। किसी के नंबर बढ़ाए गए हैं, तो किसी के दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी पाए गए हैं। अब इन सभी सर्टिफिकेट की दोबारा जांच की जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की गलती से बचा जा सके। निगरानी ब्यूरो ने शिक्षा विभाग से मैट्रिक, इंटर, ग्रेजुएशन और ट्रेनिंग से जुड़े प्रमाण पत्रों की मूल फाइलें मांगी थीं, जिनकी फोटोकॉपी अब ब्यूरो को सौंप दी गई है।

केस दर्ज करने की तैयारी

सूत्रों की मानें तो तीन से चार शिक्षकों के दस्तावेज पूरी तरह नकली पाए गए हैं। उनके खिलाफ कभी भी केस दर्ज किया जा सकता है, हालांकि फिलहाल उनके नाम गोपनीय रखे गए हैं ताकि वे जांच से पहले फरार न हो सकें। डीपीओ स्थापना, संजय कुमार यादव ने बताया कि निगरानी ब्यूरो की टीमें लगातार सक्रिय हैं और हर संदेहास्पद शिक्षक की गहन जांच कर रही हैं।

अब तक 170 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई

2014 से अब तक बांका जिले में 170 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं। पिछले वर्ष कटोरिया में पकड़े गए पांच फर्जी शिक्षकों में एक महिला भी शामिल थी। शंभुगंज, धोरैया, चांदन, बेलहर और बांका थानाक्षेत्र में भी ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से कई शिक्षक अब भी फरार हैं, और विभाग ने सभी को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

सक्षमता परीक्षा में पकड़े गए

इस वर्ष की शुरुआत में सक्षमता परीक्षा के दौरान भी करीब 18 फर्जी शिक्षक पकड़े गए। निगरानी की कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अफसरों का कहना है कि आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं और इनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अहमदाबाद: Municipal Engineer के 06 पदों पर भर्ती

अहमदाबाद – गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) ने म्युनिसिपल इंजीनियर के छह पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। यह भर्ती इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो राज्य की नगरपालिकाओं में सरकारी नौकरी करना चाहते हैं।

GSSSB द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इन पदों पर आवेदन की प्रक्रिया 1 जून 2025 से शुरू होकर 15 जून 2025 तक चलेगी। इच्छुक और पात्र उम्मीदवार gsssb.gujarat.gov.in वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पात्रता:

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास B.Tech या BE की डिग्री होनी चाहिए। यह डिग्री किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से प्राप्त होनी चाहिए।

पदों का विवरण:

पद का नाम: म्युनिसिपल इंजीनियर

कुल पद: 06

वेतनमान: ₹49,600 प्रतिमाह (अनुबंध के अनुसार अन्य भत्तों के साथ)

चयन प्रक्रिया:

इन पदों के लिए चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हो सकते हैं। विस्तृत चयन प्रक्रिया और परीक्षा की तारीखों की जानकारी GSSSB की वेबसाइट पर समय-समय पर अपडेट की जाएगी।

आवेदन कैसे करें:

उम्मीदवार GSSSB की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: gsssb.gujarat.gov.in, 'Recruitment' सेक्शन में जाकर संबंधित विज्ञापन देखें। आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें। शुल्क का भुगतान कर फॉर्म जमा करें और भविष्य के लिए उसका प्रिंटआउट सुरक्षित रखें।

21वीं सदी का 'ब्रह्मास्त्र': अब भारत के पास मौजूद!

नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए अपनी पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का नाम है LRAShM (Long-Range Hypersonic Missile), जो आवाज की गति से पांच गुना से भी अधिक रफ्तार, यानी लगभग 11,113 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। यह गति इसे दुनिया की सबसे तेज़ मिसाइलों की श्रेणी में शामिल करती है।

रक्षा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक भारत के लिए 21वीं सदी का 'ब्रह्मास्त्र' साबित हो सकती है – एक ऐसा हथियार जो न केवल परमाणु संतुलन में अहम भूमिका निभाएगा, बल्कि भारत की सामरिक क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर एक नई ऊंचाई देगा।

क्या है LRAShM?

LRAShM एक लॉन्ग-रेंज हाइपरसोनिक मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। यह मिसाइल अत्यधिक गति, सटीकता और मारक क्षमता के लिए जानी जाती है। इसके हाइपरसोनिक गति से न केवल दुश्मन की रडार प्रणाली को चकमा दिया जा सकता है, बल्कि इसका इंटरसेप्ट करना भी लगभग असंभव है।

DRDO के अनुसार, यह मिसाइल किसी भी लक्ष्य को कई हजार किलोमीटर की दूरी से कुछ ही मिनटों में ध्वस्त करने में सक्षम है। इसकी उड़ान भरने की रफ्तार इतनी तेज है कि यह पारंपरिक रक्षा प्रणाली को अप्रासंगिक बना देती है।

भारत की रणनीतिक बढ़त

इस परीक्षण के साथ ही भारत हाइपरसोनिक हथियारों की दौड़ में अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया है। यह तकनीक सिर्फ एक रक्षा उपकरण नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैज्ञानिक, तकनीकी और रणनीतिक शक्ति का प्रमाण है। यह मिसाइल भविष्य के युद्धों की दिशा और दशा तय करने वाली टेक्नोलॉजी में से एक मानी जा रही है।

क्यों है यह मिसाइल खास?

गति: 11,113 किमी/घंटा (मैक 9 के करीब)

रेंज: कई हजार किलोमीटर

ट्रैक करना लगभग नामुमकिन

दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को मात देने में सक्षम

कम समय में सटीक निशाना। 

कोरोना विस्फोट: पूरे बिहार में होगा ऑक्सीजन का मॉकड्रिल

पटना। बिहार में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है। राजधानी पटना में पिछले 24 घंटे के दौरान सात नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। बढ़ते मामलों को देखते हुए आज राज्य भर के अस्पतालों में ऑक्सीजन इन्फ्रास्ट्रक्चर का मॉकड्रिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य संभावित कोविड लहर की स्थिति में ऑक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति व्यवस्था की तैयारियों को परखना है।

पटना में कोरोना की वापसी: सात नए केस

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पटना में मिले सात कोरोना मरीजों में तीन की रिपोर्ट एनएमसीएच  में जांच के बाद पॉजिटिव आई है, जबकि चार मरीजों की रिपोर्ट दो निजी लैब्स में पॉजिटिव पाई गई। खास बात यह है कि संक्रमितों में एनएमसीएच का एक इंटर्न मेडिकल छात्र भी शामिल है। संक्रमित मरीजों में कंकड़बाग, अगमकुआं और आरपीएस मोड़ समेत शहर के विभिन्न इलाकों के लोग शामिल हैं।

एनएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रो. संजय कुमार ने बताया कि संक्रमितों में से एक नेत्र विभाग, दूसरा सर्जरी और तीसरा मेडिसिन विभाग में इलाज के लिए आया था। सभी मरीजों को फिलहाल होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

अब तक पटना में 17 मरीजों की पुष्टि

पटना में अब तक कोरोना के कुल 17 एक्टिव केस मिल चुके हैं। इनमें पांच मरीज एम्स में, छह एनएमसीएच में और शेष निजी लैब्स के माध्यम से चिन्हित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल स्थिति पर नजर बनाए रखी है और सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

ऑक्सीजन आपूर्ति पर मॉकड्रिल आज

कोविड की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने अस्पतालों में स्थापित पीएसए (Pressure Swing Adsorption) ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स और ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम की तैयारियों की जांच करें। बिहार में इस आदेश के तहत शनिवार को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल आयोजित की जाएगी।

जनता से सतर्कता बरतने की अपील

स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें और कोविड गाइडलाइंस जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़भाड़ से बचना, का पालन करें। संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं और जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन में रहें।

अहमदाबाद: ट्रेसर के 245 पदों पर भर्ती, 10 जून तक करें आवेदन

अहमदाबाद। गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (GPSSB) ने कक्षा-3 के अंतर्गत ट्रेसर (Tracer) पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यह भर्ती विज्ञापन क्रमांक 18/2025-26 के तहत की जा रही है, जिसमें कुल 245 पद विभिन्न जिलों में भरे जाएंगे। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 10 जून 2025 तक OJAS पोर्टल (ojas.gujarat.gov.in) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथियां

आवेदन शुरू: 17 मई 2025 (दोपहर 3 बजे से)

अंतिम तिथि: 10 जून 2025 (रात 11:59 बजे तक)

योग्यता मानदंड

किसी सरकारी मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) से कम से कम दो वर्ष का सिविल ड्राफ्ट्समैन प्रमाणपत्र। गुजरात सिविल सेवा वर्गीकरण एवं भर्ती नियम, 1967 के अनुसार कंप्यूटर का मूल ज्ञान। गुजराती या हिंदी या दोनों भाषाओं में प्रवीणता।

आयु सीमा

आवेदनकर्ता की आयु 10 जून 2025 तक 33 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। (आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट दी जाएगी।)

आवेदन शुल्क

सामान्य वर्ग के लिए ₹100 + SBI सेवा शुल्क, SC/ST/SEBC/EWS के लिए शुल्क मुक्त, दिव्यांग एवं पूर्व सैनिक के लिए शुल्क मुक्त

कैसे करें आवेदन?

उम्मीदवार ojas.gujarat.gov.in पर जाकर Tracer Recruitment (Advt. No. 18/2025-26) लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। फॉर्म भरते समय शैक्षणिक प्रमाणपत्र, फोटो, हस्ताक्षर तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना अनिवार्य है।

यूपी में 'लाइब्रेरियन' और 'कंप्यूटर प्रशिक्षक' की भर्ती

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट (FCI), अलीगढ़ ने लाइब्रेरियन, कंप्यूटर प्रशिक्षक और अन्य शैक्षणिक पदों के लिए भर्ती अधिसूचना जारी की है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 12 जून 2025 तक ऑफलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह भर्ती रोजगार समाचार (संख्या: 31 मई - 6 जून 2025, पृष्ठ 07) में प्रकाशित हुई है।

कुल रिक्त पद: 05

पद का नाम : टीचिंग एसोसिएट, कंप्यूटर प्रशिक्षक और लाइब्रेरियन।

शैक्षणिक योग्यता:

टीचिंग एसोसिएट: मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक तथा होटल प्रबंधन में डिग्री या 3 वर्षीय डिप्लोमा (50% अंकों के साथ)। वांछनीय योग्यता: कंप्यूटर ट्रेनिंग, विशेष होटल प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा, विदेशी भाषा का ज्ञान।

कंप्यूटर प्रशिक्षक: बीएससी/एमएससी/बीटेक (कंप्यूटर साइंस/आईटी) या बीसीए/एमसीए के साथ दो साल का अनुभव। वांछनीय: वेब डिज़ाइनिंग, हार्डवेयर, नेटवर्किंग, प्रोग्रामिंग का कार्यसाधक ज्ञान।

लाइब्रेरियन: लाइब्रेरी साइंस में डिग्री या डिप्लोमा (स्नातक डिग्री के साथ) और 3 वर्षों का कार्य अनुभव। वांछनीय: कंप्यूटर सर्टिफिकेट कोर्स।

चयन प्रक्रिया:

आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग के बाद उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा या साक्षात्कार या दोनों के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। अंतिम चयन प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

वेतनमान:

इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को ₹18,000 से ₹25,000 प्रति माह वेतन दिया जाएगा।

आयु सीमा:

इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदकों की अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।

आवेदन शुल्क:

सामान्य वर्ग के लिए ₹500, ओबीसी के लिए ₹300, एससी/एसटी के लिए ₹200 निर्धारित किया गया हैं। 

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

आवेदन की अंतिम तिथि: 12 जून 2025

यूपी में 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त, मचा हड़कंप!

कुशीनगर, यूपी – उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रयागराज हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुशीनगर जिले में तैनात 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इन शिक्षकों पर फर्जी मेरिट, शैक्षणिक योग्यता में गड़बड़ी और दस्तावेजों में अंक बढ़ाने के गंभीर आरोप लगे थे। कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

फर्जी मेरिट के आधार पर मिली नियुक्ति

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार द्वारा जारी 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत तीन चरणों में कुल 2209 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। इस दौरान बीटीसी 2015 बैच के कुछ अभ्यर्थियों ने बैक पेपर के बावजूद गलत मेरिट के आधार पर आवेदन कर लिया था। प्रारंभिक अंक के आधार पर चयन हो गया, लेकिन जब अंतिम अंक आए तो ये अभ्यर्थी तय मेरिट से नीचे निकल गए।

हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच शुरू

गड़बड़ी की शिकायत पर कुछ अभ्यर्थियों ने प्रयागराज हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी ने 9 मई को जांच के निर्देश जारी किए। आदेश के अनुपालन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) डॉ. राम जियावन मौर्य ने शिक्षकों की शैक्षणिक दस्तावेज और मेरिट सूची की बारीकी से जांच करवाई।

20 शिक्षक बर्खास्त, विभाग में मचा हड़कंप

जांच में सामने आया कि 20 शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और मेरिट सूची में गंभीर असमानता है। BSA डॉ. राम जियावन मौर्य ने सभी शिक्षकों को अयोग्य मानते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया। यह कदम उठते ही जिले के शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। वहीं, अन्य जिलों में भी इस प्रकार की जांच तेज होने की संभावना है, जिससे 69 हजार भर्ती के तहत कार्यरत शिक्षकों में चिंता का माहौल है।

क्या आगे और बढ़ेगी कार्रवाई?

इस कार्रवाई को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्य जिलों में भी इसी तरह की जांचें शुरू हो सकती हैं। यदि गड़बड़ी की पुष्टि होती है तो और भी कई शिक्षकों पर गाज गिर सकती है। इस घटनाक्रम से यह साफ है कि प्रदेश सरकार अब शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त रुख अपना रही है।

8वें वेतन आयोग में बड़ा बदलाव: पुराने फॉर्मूले से नई सैलरी!

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की तैयारी भले ही शुरुआती दौर में हो, लेकिन इससे जुड़ी एक बड़ी और एक्सक्लूसिव खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार 7वें वेतन आयोग (7th CPC) के दौरान तैयार किए गए पे-मैट्रिक्स को ही आगे बढ़ाकर नई सैलरी स्ट्रक्चर तैयार किया जा सकता हैं। यानी कोई नया पे-मैट्रिक्स नहीं बनेगा, बल्कि पुराने और "सुपरहिट" माने गए मैट्रिक्स में ही बदलाव कर सैलरी का निर्धारण किया जाएगा।

पे-मैट्रिक्स का जादुई फॉर्मूला

7वें वेतन आयोग की नींव जिस फॉर्मूले पर रखी गई थी, वह था डॉ. वॉलेस एक्रोयड (Dr. Wallace Aykroyd) का पोषण-आधारित न्यूनतम वेतन निर्धारण फार्मूला। इसी फार्मूले के जरिए तय किया जाता है कि किसी औसत भारतीय कर्मचारी को जीविकोपार्जन के लिए न्यूनतम कितना वेतन चाहिए। यही आधार पे-मैट्रिक्स के 18 स्तरों की संरचना का बना और अब 8वें वेतन आयोग में भी इसी ढांचे को नए डेटा और अपडेटेड फिटमेंट फैक्टर के साथ लागू किया जा सकता हैं।

क्या है फिटमेंट फैक्टर और कैसे तय होगी सैलरी?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है जिससे मौजूदा बेसिक पे को गुणा कर नई बेसिक सैलरी तय की जाती है। इस बार चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर 1.92 तक हो सकता है। उदाहरण के तौर पर: मौजूदा न्यूनतम बेसिक वेतन = ₹18,000 हैं तो नया वेतन (1.92 से गुणा) = ₹18,000 × 1.92 = ₹34,560 होगा, सीधी बढ़ोतरी = ₹16,560, हालांकि, यह सिर्फ बेसिक पे है। इसमें महंगाई भत्ता (DA), HRA, TA और अन्य भत्ते शामिल नहीं हैं, जो कुल वेतन को और बढ़ाएंगे।

पे-लेवल्स का मर्जर संभव, प्रमोशन की राह आसान!

सूत्रों के अनुसार, इस बार पे-मैट्रिक्स में लेवल मर्जिंग (Merger) का बड़ा बदलाव हो सकता है। अभी कुल 18 पे लेवल्स हैं, लेकिन उनमें से शुरुआती 6 को मर्ज कर 3 लेवल बनाए जा सकते हैं। जैसे: लेवल 1+2 = नया लेवल A, लेवल 3+4 = नया लेवल B, लेवल 5+6 = नया लेवल C, इससे निचले स्तर के कर्मचारियों को बड़ा लाभ हो सकता है और प्रमोशन की प्रक्रिया सरल हो सकती है।

नए वेतन आयोग में HRA और TA में भी संशोधन तय!

सैलरी में बढ़ोतरी का सीधा असर मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) पर पड़ेगा। नए बेसिक के आधार पर HRA की नई गणना की जाएगी। साथ ही, शहरों की श्रेणियों (X, Y, Z) और महंगाई स्तर को ध्यान में रखते हुए TA के स्लैब भी बदले जा सकते हैं।

नए वेतन आयोग में बीमा कवर में भी बढ़ोतरी की उम्मीद!

नए वेतन आयोग में सरकारी सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर मिलने वाले बीमा कवर को लेकर भी विचार हो रहा है। मौजूदा बीमा राशि को बढ़ाकर कर्मचारियों के परिवार को बेहतर वित्तीय सुरक्षा देने की योजना पर काम किया जा रहा है।

सबसे ज्यादा सैलरी कहां? इन 10 देशों में कमाई है सबसे शानदार!

न्यूज डेस्क। दुनिया भर में लोग अच्छी नौकरी और बेहतर सैलरी की तलाश में एक देश से दूसरे देश की ओर रुख करते हैं। वैश्विक स्तर पर हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में ऐसे 10 देशों की सूची सामने आई है जहां कर्मचारियों को औसतन सबसे अधिक मासिक वेतन दिया जाता है। इस सूची में स्विट्जरलैंड, लक्जमबर्ग और सिंगापुर शीर्ष स्थान पर हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्जरलैंड में औसतन मासिक वेतन 6,096 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹5.08 लाख) है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसके बाद लक्जमबर्ग $5,015 और सिंगापुर $4,989 के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। अमेरिका, कतर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी इस सूची में शामिल हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, इन देशों में उच्च वेतन के पीछे कई कारण हैं – जैसे उन्नत अर्थव्यवस्था, उत्पादकता, तकनीकी विकास, श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा और महंगी जीवनशैली। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि इन देशों में रहने की लागत (Cost of Living) भी अधिक है, जिससे कुल बचत पर असर पड़ सकता है।

टॉप 10 देश और उनकी औसत सैलरी:

स्विट्जरलैंड – $6,096

लक्जमबर्ग – $5,015

सिंगापुर – $4,989

अमेरिका – $4,245

आइसलैंड – $4,007

कतर – $3,982

डेनमार्क – $3,538

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) – $3,498

नीदरलैंड – $3,494

ऑस्ट्रेलिया – $3,391

भारत की स्थिति

भारत की तुलना में ये आंकड़े कहीं अधिक हैं। भारत में एक औसत वेतनभोगी की मासिक आमदनी ₹25,000 से ₹35,000 के बीच होती है। ऐसे में स्विट्जरलैंड जैसे देशों की औसत सैलरी भारत की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है।

नौकरी के अवसर और चुनौतियां

हालांकि इन देशों में बेहतर वेतन मिलता है, लेकिन वहां जाकर नौकरी करना आसान नहीं है। कई देशों में वीजा नियम, भाषा की बाधा, स्थानीय अनुभव की आवश्यकता और प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियां सामने आती हैं। लेकिन योग्य और अनुभवी पेशेवरों के लिए दरवाज़े हमेशा खुले रहते हैं।

यूपी में बिगड़ेगा मौसम: 50 जिलों में आंधी-बारिश के आसार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम का मिज़ाज एक बार फिर बिगड़ने जा रहा है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में तेज हवाओं, गरज-चमक और बारिश की चेतावनी जारी की है। शुक्रवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तेज़ झोंकों के साथ हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई, जबकि आने वाले 24 घंटे और अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को पूर्वांचल और तराई के कई जिलों में 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चल सकती हैं, साथ ही बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश के आसार भी हैं। प्रभावित जिलों में गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के तमाम इलाके शामिल हैं।

इन जिलों में रहें सतर्क:

पूर्वांचल और तराई क्षेत्र:

गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया। 

पूर्वी व मध्य यूपी:

लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगरप्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, अमेठी, जौनपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश:

गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ। 

क्या करें, क्या न करें

घरों में रहें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सुरक्षित रखें।

निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया जाए।

किसानों को सलाह दी गई है कि फसल को तेज हवाओं से बचाने के उपाय करें।

बिजली चमकने और तेज़ हवाओं के दौरान खुले मैदानों या पेड़ों के नीचे खड़े न हों।

ब्रह्मोस के नए अवतार: सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक

नई दिल्ली। भारत की सबसे घातक मिसाइल में गिना जाने वाला ब्रह्मोस अब और भी खतरनाक रूप लेने जा रहा है। भारत और रूस की संयुक्त परियोजना से बनी इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को अब हाइपरसोनिक हथियार में तब्दील किया जा रहा है, जिससे यह सिर्फ पाकिस्तान के शहरों लाहौर, इस्लामाबाद या रावलपिंडी तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब चीन के भीतर सैकड़ों किलोमीटर तक स्थित सैन्य ठिकानों को भी सटीकता से निशाना बना सकेगी।

ब्रह्मोस में किए जा रहे 5 बड़े बदलाव:

1. रेंज में ज़बरदस्त इजाफा

अब तक ब्रह्मोस की अधिकतम रेंज 290–400 किमी थी, जिसे अब बढ़ाकर 800 किमी तक किया जा रहा है। इससे यह मिसाइल दुश्मन के गहरे इलाकों तक पहुंच बनाने में सक्षम होगी।

2. सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक में अपग्रेड

ब्रह्मोस अब माक-3 (ध्वनि से तीन गुना तेज) से माक-5 (ध्वनि से पांच गुना तेज) तक की गति हासिल कर सकता है। यानी अब यह मिसाइल हाइपरसोनिक श्रेणी में आ जाएगी, जिससे दुश्मन को प्रतिक्रिया का मौका ही नहीं मिलेगा।

3. हल्का लेकिन घातक

नई ब्रह्मोस का वजन घटाकर 1000 किलोग्राम से भी कम किया जा रहा है। इससे इसे अब केवल सुखोई-30MKI ही नहीं, बल्कि राफेल और तेजस जैसे हल्के फाइटर जेट्स से भी लॉन्च किया जा सकेगा।

4. हर प्लेटफॉर्म से लॉन्च की क्षमता

ब्रह्मोस पहले ही चार प्लेटफॉर्म्स – जमीन, समुद्र, वायु और पनडुब्बी – से लॉन्च की जा सकती है। नए वर्जन को और अधिक प्लेटफॉर्म-फ्रेंडली बनाया जा रहा है, जिससे इसकी तैनाती में तेजी लाई जा सके।

5. मल्टी टारगेट अटैक क्षमता

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए ब्रह्मोस संस्करण में एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की तकनीक विकसित की जा रही है, जिससे दुश्मन के राडार और कम्युनिकेशन सिस्टम को एक ही झटके में तबाह किया जा सके।

चीन और पाकिस्तान के लिए बड़ी चिंता

ब्रह्मोस के इस अपग्रेड से पाकिस्तान और चीन दोनों की चिंता बढ़ना तय है। चीन की रणनीतिक गहराई में मौजूद ठिकानों को यदि भारत हवा से या पनडुब्बी से भी निशाना बना सके, तो उसका पूरा सैन्य संतुलन खतरे में आ सकता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्रह्मोस का यह नया रूप ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसे अभियानों को और अधिक धारदार बना देगा।

बवासीर का काल है ये सब्जी, सेवन से मिलती है राहत

हेल्थ डेस्क। बवासीर (पाइल्स) एक बेहद तकलीफदेह और आम समस्या है, जिससे लाखों लोग परेशान रहते हैं। दर्द, जलन और खून आने जैसी शिकायतों से निजात पाने के लिए जहां लोग दवाओं और ऑपरेशन का सहारा लेते हैं, वहीं एक देसी सब्जी सूरन (जिमीकंद) इस बीमारी के लिए रामबाण साबित हो सकती है। आयुर्वेद और परंपरागत चिकित्सा में सूरन को बवासीर के इलाज में उपयोगी माना गया है, खासकर पुरानी बवासीर के मामलों में इसका असर बहुत प्रभावी होता है।

क्या है सूरन?

सूरन को हिंदी में जिमीकंद और अंग्रेज़ी में Elephant Foot Yam कहा जाता है। यह एक प्रकार की जड़ वाली सब्जी है, जो स्वाद और पोषण दोनों में भरपूर होती है। इसे कई जगहों पर औषधीय सब्जी के रूप में जाना जाता है। इससे कई तरह की परेशानियां दूर होती हैं।

क्यों फायदेमंद है सूरन बवासीर के लिए?

फाइबर से भरपूर: सूरन में फाइबर और रफेज की भरपूर मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज को दूर करता है। बवासीर की जड़ में अक्सर कब्ज ही होती है, इसलिए इसका सेवन बेहद लाभकारी है।

मल को बनाता है नरम: सूरन का नियमित सेवन मल को सॉफ्ट करता है, जिससे टॉयलेट के दौरान दर्द और खून आने की समस्या से राहत मिलती है।

एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण: सूरन में मौजूद प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सूजन को कम करते हैं, जिससे बवासीर के मस्सों में राहत मिलती है।

पोषक तत्वों से भरपूर: यह सब्जी कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन C जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होती है, जो शरीर की इम्युनिटी को मजबूत करते हैं और आंतरिक सफाई में मदद करते हैं।

कैसे करें सेवन?

सूरन को उबालकर या भूनकर इसकी सब्जी बनाकर खाएं। इसे घी या सरसों तेल में हल्के मसालों के साथ पकाना बेहतर होता है। कुछ लोग इसे सुखाकर पाउडर के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं, जो पानी या छाछ में मिलाकर लिया जा सकता है।

यूपी पंचायत चुनाव: इस बार होंगे 500 अधिक ग्राम प्रधान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव 2026 को लेकर सरकार ने तैयारियों का आगाज़ कर दिया है। इस बार चुनाव में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। प्रदेश में 500 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया जाएगा, जिससे 500 नए ग्राम प्रधानों का चुनाव भी होगा। इसके साथ ही 75 नए ब्लॉक (विकासखंड) बनाए जाएंगे, जिनमें 75 नए ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी कराया जाएगा।

पंचायतीराज विभाग और ग्राम्य विकास विभाग ने इसको लेकर संयुक्त स्तर पर कवायद शुरू कर दी है। सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायतराज अधिकारियों से 5 जून तक रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि पुनर्गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सके।

क्या है बदलाव की वजह?

पंचायतीराज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एक ग्राम पंचायत में कम से कम 1,000 लोगों की आबादी होना अनिवार्य है। प्रदेश में ऐसी कई ग्राम पंचायतें हैं, जिनकी आबादी 3,000 से 5,000 के बीच है, और इनमें गांवों की संख्या भी ज़्यादा है। ऐसे बड़े पंचायत क्षेत्रों को विभाजित कर नई ग्राम पंचायतें बनाई जाएंगी, ताकि स्थानीय प्रशासन ज्यादा प्रभावी और विकास कार्य ज़मीनी स्तर पर तेज़ी से हो सकें।

पुनर्गठन की जरूरत

2021 के पंचायत चुनाव में 58,189 ग्राम पंचायतें और 826 विकासखंड थे। लेकिन इसके बाद नगरीय निकाय चुनावों में 107 नई नगर पंचायतों के गठन के चलते 494 ग्राम पंचायतों को शहरी सीमा में शामिल कर लिया गया। परिणामस्वरूप, अब राज्य में ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57,695 रह गई है। पुनर्गठन के बाद अब यह संख्या 58,195 तक पहुंच सकती है।

75 नए ब्लॉक: विकास को मिलेगी नई दिशा

वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 2022 में ही राज्य में 75 नए ब्लॉक बनाए जाने की घोषणा की थी। उनका कहना है कि कुछ ब्लॉक इतने बड़े हैं कि जनता से जुड़े कामों और योजनाओं के क्रियान्वयन में समस्याएं आती हैं। ग्राम्य विकास विभाग ने जिलों से रिपोर्ट मंगाई है और जैसे ही अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी होगी, 826 ब्लॉक की संख्या बढ़कर 901 तक पहुंच जाएगी। इसका सीधा लाभ ये होगा कि 75 नए नेताओं को ब्लॉक प्रमुख बनने का अवसर मिलेगा और ग्रामीण विकास को नई रफ्तार मिलेगी।

सरकारी आदेश के बाद प्रशासनिक तैयारियां शुरू

सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि नई ग्राम पंचायतों और ब्लॉकों के गठन के लिए प्रस्ताव और सर्वे रिपोर्ट तैयार कर 5 जून तक भेजी जाए। पंचायतों का यह पुनर्गठन 2026 के पंचायत चुनाव से पहले पूरा कर लिया जाएगा, ताकि चुनाव के दौरान नई इकाइयों में भी प्रतिनिधि चुने जा सकें।

8वें वेतन आयोग: लेवल-1 से 6 तक हों सकते हैं मर्ज?

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। 8वें वेतन आयोग को लेकर नई जानकारी सामने आई है, जिसमें सिर्फ वेतन और पेंशन में इज़ाफा ही नहीं, बल्कि पे-मैट्रिक्स के स्ट्रक्चर में भी ऐतिहासिक बदलाव की बात कही जा रही है। यदि प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगती है, तो यह केंद्र सरकार के 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ा तोहफा साबित हो सकता है।

क्या है लेवल मर्जर का प्रस्ताव?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल काउंसिल – जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने केंद्र सरकार को एक अहम प्रस्ताव सौंपा है। इस प्रस्ताव के तहत पे-लेवल 1 से 6 तक को घटाकर सिर्फ 3 लेवल में तब्दील करने की सिफारिश की गई है। इसका उद्देश्य सैलरी ढांचे को सरल बनाना और निचले वेतनमान पर काम कर रहे कर्मचारियों की आय में सीधा इजाफा करना है।

प्रस्तावित मर्जिंग इस प्रकार होगी:

लेवल-1 + लेवल-2 = नया लेवल A

लेवल-3 + लेवल-4 = नया लेवल B

लेवल-5 + लेवल-6 = नया लेवल C

कर्मचारियों को कैसे होगा लाभ?

अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो इसका सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो निचले पे लेवल (Level 1 to 6) पर कार्यरत हैं। उदाहरण के लिए: वर्तमान में लेवल-1 कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 और लेवल-2 की ₹19,900 है। 

यदि दोनों लेवल मर्ज कर दिए जाते हैं, तो नए लेवल-A का प्रारंभिक वेतन ₹19,900 या इससे अधिक हो सकता है। यानी, ₹1,900 से ₹2,000 तक की सीधी बढ़ोतरी केवल मर्जिंग के कारण संभव है। इसी तरह लेवल-B और C के लिए भी बेसिक पे में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।

प्रमोशन के मौके होंगे आसान

पे लेवल का यह सरलीकरण सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे प्रमोशन की प्रक्रिया भी आसान होगी। जब लेवल कम होंगे तो पदोनत्ति में लगने वाला समय घटेगा, जिससे कर्मचारियों को जल्दी ऊपरी पदों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। साथ ही, वेतन संरचना भी ज्यादा पारदर्शी और तार्किक हो जाएगी।

सरकार ने दी 8वें वेतन आयोग को मंजूरी

इस वर्ष की शुरुआत में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग गठित होता है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन, भत्ते और पेंशन संरचना में संशोधन की सिफारिश करता है।

भारत के AMCA मार्क-1 और मार्क-2: क्या है अंतर?

नई दिल्ली — भारत के स्वदेशी फाइटर जेट प्रोग्राम एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) ने रफ्तार पकड़ ली है। यह प्रोजेक्ट दो चरणों में विकसित किया जा रहा है: AMCA मार्क-1 और AMCA मार्क-2। दोनों वेरिएंट भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को भविष्य की लड़ाइयों के लिए तैयार करने की दिशा में एक अहम कदम हैं। लेकिन दोनों के बीच क्या अंतर है? आइए जानते हैं।

AMCA मार्क-1: 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ जेट

AMCA का पहला वेरिएंट, मार्क-1, पूरी तरह से 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसमें स्टील्थ तकनीक, इंटरनल वेपन्स बे, और एडवांस्ड सेंसर जैसे फीचर्स होंगे, जो इसे दुश्मन की नज़रों से छिपाकर गहरे हमले करने में सक्षम बनाएंगे।

इसमें अमेरिका का GE-F414 इंजन लगाया जाएगा, जो 98 किलो न्यूटन का थ्रस्ट देता है। इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 तक तैयार होने की संभावना है। यह वर्जन भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी तकनीकी छलांग साबित होगा।

AMCA मार्क-2: भविष्य की लड़ाई का चेहरा

दूसरी ओर, AMCA मार्क-2 को और अधिक उन्नत रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट वाला नया इंजन लगाया जाएगा, जो भारत और विदेशी कंपनियों—जैसे GE, Safran या Rolls-Royce—के सहयोग से विकसित किया जाएगा।

यह वर्जन न सिर्फ 5वीं पीढ़ी की क्षमताएं रखेगा, बल्कि इसमें 6वीं पीढ़ी की शुरुआती तकनीकें भी शामिल होंगी। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स, और बेहतर सेंसर फ्यूजन शामिल हैं, जो इसे और ज्यादा घातक और स्मार्ट बनाएंगे।

क्या होगा फर्क मैदान में?

मार्क-1 जल्दी सेवा में आएगा और मौजूदा टेक्नोलॉजी का परिष्कृत रूप होगा। जबकि मार्क-2, थोड़ा देर से आएगा, लेकिन यह भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक स्तर पर लड़ाकू विमानों की अगली पीढ़ी में प्रवेश दिलाएगा। AMCA का निर्माण भारत की रणनीतिक स्वायत्तता की दिशा में बड़ा कदम है, जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को मजबूती देगा।

पुरुष रोजाना खाएं ये 2 बीज: स्पर्म काउंट होगी दूर!

हेल्थ डेस्क। आज की व्यस्त जीवनशैली, खराब खानपान और लगातार बढ़ता तनाव पुरुषों के यौन स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। हाल के वर्षों में युवाओं से लेकर अधेड़ उम्र के पुरुषों तक में स्पर्म काउंट कम होने की शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। मेडिकल साइंस के अनुसार, यह समस्या न केवल संतान प्राप्ति में बाधा बनती है, बल्कि आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति पर भी नकारात्मक असर डालती है।

लेकिन अच्छी खबर यह है कि इस समस्या से निपटने के लिए दवाइयों के सहारे रहने की ज़रूरत नहीं। प्रकृति ने हमें कुछ ऐसे अद्भुत आहार स्रोत दिए हैं, जो अगर नियमित रूप से सेवन किए जाएं, तो यह स्थिति काफी हद तक सुधारी जा सकती है।

1 .कद्दू के बीज: प्राकृतिक टेस्टोस्टेरोन बूस्टर

कद्दू के बीज यानी Pumpkin Seeds को आयुर्वेद और आधुनिक पोषण विज्ञान दोनों में पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इन छोटे-छोटे बीजों में ज़िंक, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

फायदे: स्पर्म काउंट और क्वालिटी में सुधार। यौन उत्तेजना और स्टैमिना में वृद्धि। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर कर नपुंसकता जैसी समस्याओं को दूर करता है।

2 .मेथी के बीज: परंपरागत इलाज, आधुनिक समाधान

मेथी के बीज यानी Fenugreek Seeds भारतीय रसोई का आम हिस्सा हैं, लेकिन इसकी औषधीय शक्ति बहुत खास है। रिसर्च के अनुसार, इसमें मौजूद तत्व फ्यूस्टोल सैपोनिन्स टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं और यौन स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालते हैं।

फायदे: स्पर्म उत्पादन में वृद्धि, थकान और कमजोरी में कमी, यौन क्षमता और हार्मोन बैलेंस बेहतर करता है। रात को एक चम्मच मेथी के बीज पानी में भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खाएं या पानी के साथ निगल लें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

पुरुष स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह दोनों बीज बेहद सुरक्षित, सस्ते और प्राकृतिक विकल्प हैं। इन्हें रोज़ाना की डाइट में शामिल करके ना केवल स्पर्म काउंट में सुधार लाया जा सकता है, बल्कि संपूर्ण यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही यह तनाव कम करने और हार्मोन बैलेंस करने में भी मददगार हैं।

बिहार में 1250 पदों पर भर्ती: स्नातक पास को मौका!

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 71वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2025 के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस परीक्षा के माध्यम से बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में कुल 1250 पदों पर भर्ती की जाएगी। स्नातक पास अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया 2 जून 2025 से शुरू होगी और आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून 2025 रखी गई है। परीक्षा की संभावित तिथि 30 अगस्त 2025 है।

किस पदों पर होगी भर्ती?

प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी: 502 पद

प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी: 459 पद

वरीय उप समाहर्ता: 100 पद

वित्तीय प्रशासनिक पदाधिकारी: 79 पद

राजस्व पदाधिकारी: 45 पद

प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी: 22 पद

प्रखंड अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण पदाधिकारी: 13 पद

ईख पदाधिकारी: 17 पद

श्रम अधीक्षक: 10 पद

अवर निबंधक/संयुक्त अवर निबंधक: 3 पद

योग्यता और वेतनमान

इन पदों पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को स्नातक पास होना अनिवार्य है। साथ ही, नियुक्ति पर Level 7 से Level 9 तक वेतनमान मिलेगा।

डीएसपी और एसडीएम पदों पर नहीं निकली भर्ती

इस बार की 71वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में डीएसपी (Deputy Superintendent of Police) और एसडीएम (Sub-Divisional Magistrate) पदों पर कोई भर्ती नहीं निकाली गई है। यह स्पष्ट करते हुए बीपीएससी ने कहा है कि कुल 1250 पदों की संख्या में यदि अंतिम तिथि तक अन्य पदों की जानकारी प्राप्त होती है तो उन्हें भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां

आवेदन शुरू: 2 जून 2025

आवेदन की अंतिम तिथि: 30 जून 2025

आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bihar.gov.in

बिहार में नौकरियों की बहार: 500+ पदों पर सीधी भर्ती

पटना। बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत यूनानी चिकित्सकों के लिए 502 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। ये पद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में अनुबंध के आधार पर भरे जाएंगे। भर्ती प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 15 जून 2025 निर्धारित की गई है।

पदों का विवरण और आवेदन की पात्रता

इस भर्ती के लिए बिहार के मूल निवासी अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा, जबकि अन्य राज्यों के आवेदक अनारक्षित श्रेणी में आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवार को बीयूएमएस (BUMS) डिग्री धारक होना आवश्यक है। अनिवार्य इंटर्नशिप प्रशिक्षण पूर्ण किया हो। बिहार राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा परिषद में पंजीकृत होना जरूरी है।

मानदेय और आवेदन शुल्क

चयनित उम्मीदवारों को समेकित मानदेय के रूप में मासिक 32,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे। आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 500 रुपये है, जबकि बिहार के अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), महिलाओं और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए यह शुल्क 125 रुपये निर्धारित किया गया है।

आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक उम्मीदवार बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की आधिकारिक वेबसाइट shs.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। 

महत्वपूर्ण तिथियां

आवेदन प्रारंभ: जारी

आवेदन की अंतिम तिथि: 15 जून 2025

दुनिया के 5 सबसे बड़े सैन्य बल वाले देश, 2 नंबर पर भारत!

नई दिल्ली। दुनिया में कई देश अपनी सुरक्षा और रक्षा के लिए मजबूत सेनाएँ रखते हैं। लेकिन कुछ देशों की सेनाएं आकार और ताकत दोनों में इतनी बड़ी हैं कि वे वैश्विक शक्ति के रूप में मानी जाती हैं। आज हम जानेंगे दुनिया के उन पांच देशों के बारे में जिनके पास सबसे बड़ी सक्रिय सेना है।

1. चीन

चीन दुनिया की सबसे बड़ी सेना का घर है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पास लगभग 20 लाख से अधिक सक्रिय सैनिक हैं। यह विशाल संख्या चीन को क्षेत्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर एक प्रमुख सैन्य शक्ति बनाती है। चीन ने आधुनिक हथियार और तकनीक के क्षेत्र में भी बहुत विकास किया है।

2. भारत

भारत की सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है, जिसमें लगभग 14-15 लाख सक्रिय सैन्य कर्मी हैं। भारतीय सेना विश्व की सबसे विविध और बहुआयामी सेनाओं में से एक है, जो सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों में भी सक्रिय भूमिका निभाती है।

3. संयुक्त राज्य अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना विश्व की सबसे तकनीकी रूप से उन्नत सेनाओं में से एक है। यहां लगभग 13-14 लाख सक्रिय सैनिक तैनात हैं। अमेरिका की सैन्य ताकत वैश्विक स्थिरता बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

4. उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया की सेना भी संख्या में बड़ी है, लगभग 12 लाख से अधिक सक्रिय सैनिक इसके हिस्से हैं। हालांकि इसकी तकनीकी क्षमताएँ सीमित हैं, फिर भी यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण शक्ति है।

5. रूस

रूस की सेना लगभग 9-10 लाख सक्रिय सैनिकों के साथ विश्व के शीर्ष सैन्य बलों में शामिल है। रूस की सेना का इतिहास लंबा और समृद्ध है, और यह आधुनिक हथियारों तथा तकनीक में लगातार निवेश कर रही है।

बिहार पुलिस में बंपर भर्ती: 1.12 लाख तक सैलरी!

पटना। बिहार राज्य के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा अवसर आ गया है। बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC) ने एन्फोर्समेंट सब इंस्पेक्टर (ESI) के पदों पर बंपर भर्ती निकाली है। यह भर्ती न केवल स्थाई है, बल्कि इसमें आकर्षक वेतन और अन्य सरकारी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इच्छुक उम्मीदवार BPSSC की आधिकारिक वेबसाइट bpssc.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

शैक्षणिक योग्यता

भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से न्यूनतम ग्रेजुएशन की डिग्री होना अनिवार्य है। यह शैक्षणिक योग्यता पद की बुनियादी आवश्यकता है।

आयु सीमा

उम्मीदवारों की उम्र 1 अगस्त 2025 को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है: सामान्य श्रेणी (पुरुष): 21 से 37 वर्ष, महिला उम्मीदवार एवं आरक्षित श्रेणियां: अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष, आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नियमानुसार आयु में छूट दी जाएगी।

आवेदन शुल्क

सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस एवं अन्य राज्यों के उम्मीदवार के लिए ₹750, एससी, एसटी, महिला (केवल बिहार निवासी) के लिए ₹400 निर्धारित किया गया हैं।

वेतनमान

इस पद पर चयनित उम्मीदवारों को ₹35,400 से ₹1,12,400 प्रतिमाह तक का वेतन मिलेगा। इसके अतिरिक्त अन्य भत्ते भी सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।

चयन प्रक्रिया

इस भर्ती प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains), शारीरिक परीक्षा (Physical Test) और साक्षात्कार (Interview), हर चरण को पास करना अनिवार्य होगा, जिसके बाद फाइनल मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा।

आवेदन प्रक्रिया

सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट bpssc.bihar.gov.in पर जाएं। Online Apply लिंक पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन करें। आवश्यक विवरण भरकर लॉग इन करें। इसके बाद जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें और फॉर्म सब्मिट करें। आवेदन पूरा हो जायेगा।

यूपी मेट्रो रेल में 'मुख्य अभियंता' की भर्ती: 27 जून तक आवेदन!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPMRCL) ने अनुभवी और योग्य अभियंताओं के लिए सुनहरा अवसर प्रस्तुत किया है। कॉर्पोरेशन ने 2025 के लिए 'मुख्य अभियंता (विद्युत)' के कुल 4 पदों पर भर्तियों की घोषणा की है। यह भर्ती प्रक्रिया ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत 29 मई 2025 से होगी और अंतिम तिथि 27 जून 2025 निर्धारित की गई है।

भर्ती की प्रमुख विशेषताएं

पद का नाम: मुख्य अभियंता (विद्युत)

पदों की संख्या: कुल 04 पद।

वेतनमान: ₹1,20,000 - ₹2,80,000 प्रतिमाह (IDA स्केल पर)

आधिकारिक वेबसाइट: www.upmetrorail.co

आवेदन अवधि: 29 मई 2025 से 27 जून 2025 तक। 

चयन प्रक्रिया

चयन मुख्यतः शैक्षणिक योग्यता, कार्यानुभव, और साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन उत्कृष्टता और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन करते हुए उम्मीदवारों का मूल्यांकन करेगा।

UPMRCL क्यों चुनें?

यूपी मेट्रो न केवल उत्तर प्रदेश के शहरी परिवहन ढांचे को नया आकार देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, बल्कि यह कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य वातावरण, आधुनिक तकनीक के साथ काम करने का अवसर और आकर्षक वेतनमान प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण निर्देश

उम्मीदवारों को आवेदन पत्र को निर्धारित प्रारूप में भरकर सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ दिए गए पते पर समय से पहले भेजना होगा। अधूरे या देर से प्राप्त हुए आवेदन पत्रों को अमान्य घोषित किया जा सकता है। विस्तृत अधिसूचना, पात्रता मापदंड और आवेदन प्रपत्र के लिए उम्मीदवार upmetrorail.com पर जाएं।