इस फैसले के बाद इन कर्मचारियों के मानदेय में सात गुना की वृद्धि हुई है, जो अब तक किसी भी सरकार द्वारा इस वर्ग के लिए उठाया गया सबसे बड़ा आर्थिक कदम माना जा रहा है। इसको लेकर सरकार के द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिया गया हैं।
सिर्फ वेतन नहीं, सम्मान की बहाली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि सफाई कर्मियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मेहनत को अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा। यह सिर्फ मानदेय की बढ़ोतरी नहीं है, बल्कि उन हजारों कर्मचारियों के सम्मान और आत्मगौरव की पुनर्प्राप्ति है, जो सीमित संसाधनों में भी दिन-रात समाज की सेवा में जुटे रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा,
"हमारी सरकार समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास और सम्मान पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक सशक्त कदम है।" इस घोषणा के बाद सफाई कर्मियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी और संतोष झलकने लगा है।
बता दें की लंबे समय से कम वेतन पर काम कर रहे इन कर्मचारियों के लिए यह बदलाव न केवल आर्थिक मजबूती लाएगा, बल्कि उनके मनोबल को भी नई ऊंचाई देगा। समाजशास्त्रियों का मानना है कि इस तरह के कदम सामाजिक संतुलन और कार्यस्थल पर गरिमा को बढ़ावा देते हैं। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे "बहुप्रतीक्षित और सराहनीय" बताया है।
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