सरकार की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों का शत-प्रतिशत सत्यापन तय समय सीमा के भीतर किया जाए। सत्यापन के बाद मृतक और अपात्र पाए गए पेंशनरों को सूची से हटाकर, उनकी जगह योग्य लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा।
पात्रता के मानक
समाज कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के बीपीएल श्रेणी में आने वाले वृद्धजनों को हर महीने ₹1000 की पेंशन प्रदान की जाती है। यह पेंशन तिमाही आधार पर डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से उनके बैंक खातों में भेजी जाती है।
बता दें की इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को उत्तर प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त: ग्रामीण क्षेत्र के आवेदकों की वार्षिक आय ₹46,080 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। जबकि शहरी क्षेत्र के आवेदकों की वार्षिक आय ₹56,460 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सत्यापन की प्रक्रिया
ग्रामीण क्षेत्रों में सत्यापन कार्य ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) के माध्यम से किया जा रहा है। जबकि शहरी क्षेत्रों में यह कार्य जिलाधिकारी द्वारा नामित एसडीएम या अधिशासी अधिकारी की देखरेख में हो रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य वृद्धजनों को सुरक्षा, सम्मान और बेहतर जीवन प्रदान करना है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सत्यापन कार्य में पारदर्शिता और संवेदनशीलता बरती जाए।
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