बिहार में एक ही प्रमाण पत्र पर 11 शिक्षक बहाल

बक्सर, बिहार। 

बिहार के बक्सर जिले में शिक्षक नियोजन से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक में इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ। बैठक में खुलासा हुआ कि एक ही प्रमाण पत्र के आधार पर 11 शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई थी, जो नियोजन प्रक्रिया में भारी अनियमितता की ओर इशारा करता है।

जांच में पाया गया कि इन 11 शिक्षकों में से 9 शिक्षक लगातार अनुपस्थित चल रहे थे। जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बैठक में चौसा, ब्रह्मपुर और सिमरी प्रखंड के BEO (प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी) से जब इस अनियमितता पर जवाब मांगा गया, तो वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।

BEO का वेतन रोका, कारण बताओ नोटिस जारी

आपको बता दें की बक्सर जिलाधिकारी ने चौसा, ब्रह्मपुर और सिमरी के BEO का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश देते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही, सभी फर्जी नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।

FIR दर्ज करने और वेतन वसूली का आदेश

बैठक में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर हुई है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए और अब तक दिए गए वेतन की वसूली की जाए। यह निर्णय शिक्षा विभाग की साख को बहाल करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लिया गया है।

टोला सेवकों और तालीमी मरकज पर भी नजर

बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे टोला सेवकों और तालीमी मरकज की गतिविधियों की जांच करें। यदि इनमें किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला राज्य में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता है।

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