बिहार में 27 मई से शुरू होगा शिक्षकों का तबादला अभियान

पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने 27 मई से शिक्षकों के व्यापक तबादले की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत कुल 1 लाख 20 हजार शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाएगा, जो 10 जून तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया को ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन किया है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश न हो। सभी शिक्षकों को उनके मोबाइल नंबर पर स्थानांतरण और स्कूल आवंटन की सूचना भेजी जाएगी।

तबादले की प्रक्रिया और विशेषताएं

यह स्थानांतरण ऐच्छिक है, यानी जिन शिक्षकों ने स्वेच्छा से आवेदन किया था, उन्हीं का तबादला किया जा रहा है।इसमें अंतरजिला और अंतरप्रखंड दोनों प्रकार के तबादले शामिल हैं। इसमें टीआरई 1, टीआरई 2, नियोजित से विशिष्ट तथा अन्य कोटि के शिक्षक इसमें भाग ले रहे हैं। जिन शिक्षकों का जिला स्थानांतरण हो चुका है लेकिन स्कूल आवंटन नहीं हुआ था, उन्हें भी इस चरण में स्कूल आवंटित किया जाएगा।

गोपनीय और स्वच्छ प्रणाली

इस बार तबादले की प्रक्रिया को पूरी तरह गोपनीय और डिजिटल बनाया गया है। शिक्षकों को कोड आवंटित किया गया है, जिसके आधार पर स्थानांतरण किया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को भी केवल शिक्षक का कोड और विषय जानकारी में होगा, नाम की जानकारी नहीं दी जाएगी। यह कदम पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

रिक्त पदों पर प्राथमिकता

जहां भी पद रिक्त हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाएगा। जैसे यदि किसी पंचायत में 10 पद खाली हैं और 15 आवेदन हैं, तो 10 शिक्षकों को वहीं तैनात किया जाएगा और शेष 5 को निकटवर्ती पंचायतों में समायोजित किया जाएगा।

प्रशिक्षित डीईओ करेंगे तबादला

तबादला प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। शिक्षा विभाग सॉफ्टवेयर से जुड़ी किसी भी कमी को दूर कर जल्द विस्तृत दिशानिर्देश भेजने जा रहा है। जिन शिक्षकों का स्थानांतरण होगा, उन्हें ग्रीष्मावकाश के बाद अपने नए स्कूलों में योगदान देना होगा। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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