1. रूस: हाइपरसोनिक ताकत का राजा
रूस को इस समय हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक में सबसे आगे माना जाता है। रूस के पास कुछ बेहद खतरनाक हाइपरसोनिक हथियार हैं, जो उसे सैन्य शक्ति में सर्वोच्च स्थान प्रदान करते हैं। रूस का Avangard मिसाइल, यह एक ग्लाइडर है जो 27 Mach की रफ्तार से यात्रा करता है, और इसका मार्ग बदलने की क्षमता इसे इंटरसेप्ट करने में बहुत कठिन बनाती है। जबकि Kinzhal मिसाइल यह एक एयर-लॉन्च हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो अत्यधिक तेज़ गति से लक्ष्य को नष्ट कर सकती है।
2. चीन: तेजी से उभरता हुआ हाइपरसोनिक
चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी मिसाइल शक्ति में जबरदस्त वृद्धि की है, खासकर हाइपरसोनिक तकनीक के क्षेत्र में। चीन की DF-ZF Glide Vehicle ने अपनी परीक्षण प्रक्रिया में शानदार प्रदर्शन किया है। यह हाइपरसोनिक ग्लाइडर 5 माक की गति से यात्रा करता है और इसकी दिशा में बदलाव किया जा सकता है, जिससे इसे रोकना मुश्किल हो जाता है।
3. अमेरिका: तकनीकी रूप से श्रेष्ठ ताकत
अमेरिका को अक्सर दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति के रूप में जाना जाता है, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में वह रूस से पीछे है। अमेरिका के पास हाइपरसोनिक तकनीक के विकास के लिए कई योजनाएँ हैं, जैसे ARRW (Air-Launched Rapid Response Weapon) और Hypersonic Glide Body (HGB)। इनका लक्ष्य दुश्मन के ठिकानों पर तेज़ी से और बिना किसी चेतावनी के हमला करना है। हालांकि, इन प्रणालियों का परीक्षण अभी जारी है, और वे operational नहीं हैं।
4. भारत: स्वदेशी विकास और मजबूती की ओर बढ़ता राष्ट्र
भारत भी हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी में तेजी से प्रगति कर रहा है, और इस दिशा में कई अहम परीक्षण किए गए हैं। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने HSTDV (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) का सफल परीक्षण किया है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, भारत और रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस-II (BrahMos-2) हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का विकास भी बहुत तेजी से चल रहा है। भारत की हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणाली का उद्देश्य अपनी रक्षा को मजबूत करना और क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
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