बिहार के इन 8 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे

पटना: बिहार में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक बड़ी पहल के तहत गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे परियोजना को गति मिल रही है। यह छह लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे उत्तर बिहार के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद अब राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। करीब 100 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है और जल्द ही भू-अर्जन के लिए सक्षम प्राधिकार (काला) गठित कर अधिसूचना जारी की जाएगी।

विधानसभा चुनाव से पहले शिलान्यास

राज्य सरकार की मंशा है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस परियोजना का शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए। सरकार इसे न केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बल्कि एक राजनीतिक उपलब्धि के रूप में भी देख रही है, जिससे राज्य की जनता को सीधा फायदा मिल सके।

इन 8 ज़िलों को होगा विशेष लाभ

गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित इस 568 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे में से 417 किलोमीटर की दूरी बिहार से होकर गुजरेगी। इसका सीधा प्रभाव पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे ज़िलों पर पड़ेगा। यह मार्ग कुल 39 प्रखंडों और 313 गांवों को जोड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय आवागमन में क्रांतिकारी सुधार होगा।

व्यापार और रोजगार को बढ़ावा

बेहतर सड़क संपर्क से व्यापारिक गतिविधियों को गति मिलेगी, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों को नए बाज़ार मिल सकेंगे। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्रों में नए निवेश के अवसर खुलेंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर बिहार को मिलेगा नेशनल कनेक्टिविटी

यह एक्सप्रेस-वे न केवल बिहार को उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से जोड़ेगा, बल्कि नेपाल सीमा के पास बसे ज़िलों को भी नेशनल कनेक्टिविटी से जोड़ेगा। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।

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