भारत की नई मिसाइल ध्वनि की गति से 8 गुना तेज

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमताओं में एक और क्रांतिकारी छलांग लगने जा रही है। भारत और रूस के साझा प्रयास से विकसित हो रही ब्रह्मोस-2 मिसाइल दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल बनने की ओर अग्रसर है। इसकी गति मैक 8 (ध्वनि की गति से 8 गुना) होगी, जो इसे सुपरसोनिक नहीं बल्कि हाइपरसोनिक तकनीक के दायरे में लाती है। ब्रह्मोस-2, मौजूदा ब्रह्मोस-1 मिसाइल की तुलना में लगभग दोगुनी तेज होगी।

क्या है ब्रह्मोस-2?

ब्रह्मोस-2 एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और रूस के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। यह ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की अगली पीढ़ी है, जो मैक 8 की रफ्तार (करीब 9,800 किमी/घंटा) तक पहुंच सकती है।

दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल

ब्रह्मोस-2 के विकसित हो जाने पर यह दुनिया की सबसे तेज हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बन जाएगी। अभी तक इतनी रफ्तार किसी क्रूज मिसाइल में नहीं देखी गई है। अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियां हाइपरसोनिक तकनीक पर तेजी से काम कर रही हैं, और भारत इस रेस में अब मजबूती से अपनी जगह बना रहा है।

कब तक होगी तैनाती?

हालांकि आधिकारिक तिथि की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रह्मोस-2 को अगले 3-5 वर्षों में परीक्षण के लिए तैयार किया जा सकता है। सेना में तैनाती इसके सफल परीक्षणों के बाद ही होगी। ब्रह्मोस-2 भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सैन्य अवधारणा का भी सशक्त उदाहरण बनेगा, जहां विदेशी सहयोग के साथ देश अपने रक्षा ढांचे को आधुनिकतम बना रहा है।

ब्रह्मोस-2 के फायदे

अविश्वसनीय गति: दुश्मन की रडार प्रणाली को प्रतिक्रिया का समय नहीं मिलेगा।

अत्यधिक सटीकता: GPS और INS (Inertial Navigation System) आधारित टारगेटिंग।

बड़े पैमाने पर विनाश की क्षमता: सीमित समय में उच्च प्रभाव। इसे रोकना भी नामुमकिन

रणनीतिक बढ़त: चीन और अमेरिका जैसी सैन्य ताकतों के मुकाबले भारत की स्थिति और मजबूत।

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