नए शामिल उत्पादों की सूची इस प्रकार है:
बागपत – कृषि उपकरण एवं संबंधित सहायक सामग्री
सहारनपुर – होजरी उत्पाद
फिरोजाबाद – खाद्य प्रसंस्करण
गाजियाबाद – मेटल उत्पाद एवं वस्त्र/परिधान
अमरोहा – धातु एवं लकड़ी के हस्तशिल्प
आगरा – पेठा उद्योग एवं सभी प्रकार के फुटवियर
हमीरपुर – मेटल उत्पाद
बरेली – लकड़ी के उत्पाद
एटा – चिकोरी उत्पाद
प्रतापगढ़ – खाद्य प्रसंस्करण
बिजनौर – ब्रश एवं संबंधित उत्पाद
बलिया – सत्तू
स्थानीय पहचान को मिलेगा वैश्विक मंच
MSME सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य हर जिले के पारंपरिक उत्पादों को पहचान दिलाना और स्थानीय लोगों के लिए बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा, “ODOP योजना न केवल उद्यमिता को बढ़ावा देती है, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ विज़न के तहत आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी मील का पत्थर है।”
अमरोहा को तीसरी बार मिली पहचान
अमरोहा की जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि जिले की ढोलक और रेडीमेड गारमेंट्स पहले से ही ODOP उत्पादों में शामिल थे। अब 'मेटल और वुडन हैंडीक्राफ्ट' को भी योजना में स्थान मिला है। उन्होंने कहा, “यह जिले के कारीगरों और शिल्पियों के लिए गौरव की बात है। इससे अमरोहा को देश और विदेश में एक नई पहचान मिलेगी।”
रोजगार और निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
ODOP योजना के तहत चयनित उत्पादों को तकनीकी सहायता, स्किल डेवलपमेंट, वित्तीय मदद और मार्केटिंग सपोर्ट जैसे विभिन्न साधनों के जरिए सशक्त बनाया जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे निर्यात में इज़ाफा होगा, स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी और लाखों लोगों के लिए नए रोजगार के द्वार खुलेंगे।
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